45 बोरों में भरे थे 2500 प्रतिबंधित सिंदूरी कछुए, एसटीएफ ने कानपुर में दो तस्करों को पकड़ा

एसटीएफ की कानपुर इकाई ने दो तस्करों को गिरफ्तार करके ट्रक में सनमाइका की आड़ में 45 बोरों में प्रतिबंधित सिंदूरी कछुए बरामद किए हैं। तस्करों ने इटावा और मैनपुरी से कछुए कोलकाता ले जाने की जानकारी दी है।

 

कानपुर, एसटीएफ की कानपुर इकाई ने चकेरी थाना क्षेत्र में प्रतिबंधित प्रजाति के सिंदूरी कछुओं की तस्करी का पर्दाफाश किया। दो तस्करों को गिरफ्तार करके बड़ी मात्रा में कछुए बरामद गिए हैं। ये सभी कछुए ट्रक में लदी सनमाइका में छिपाकर कोलकाता ले जाए जा रहे थे। एसटीएम ने ट्रक कब्जे में लेकर तस्करों से पूछताछ शुरू करके गिरोह का पता लगाने का प्रयास शुरू किया है।

एसटीएफ पिछले कई महीनों से सिंदूरी कछुओं की तस्करी करने वालों की धरपकड़ में लगी हुई है और कई बार सफलता भी मिल चुकी है। एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक रविवार को सूचना मिली के हरियाणा नंबर के एक ट्राला में प्रतिबंधित कछुओं को लाद कर ले जा रहा है। पुलिस ने सूचना के आधार पर ट्राला को रुकवाया तो बाहर से देखने पर सनमाइका लदी हुई मिली। एसटीएफ की टीम ने सनमाइका हटाकर देखा तो पीछे बोरे रखे मिले। एसटीएफ टीम ने बोरों को खोलकर देखा तो अंदर सिंदूरी प्रजाति के कछुए भरे थे। एसटीएफ को 45 बोरों में कछुए भरे मिले हैं, जिनकी संख्या ढाई हजार बताई जा रही है। इनमें काफी संख्या में कछुए मर चुके हैं।

एसटीएम ने दो तस्करों जावेद पुत्र गुलाम हैदर निवासी जम्मू के कठुवा ग्राम बिलावर निवासी 32 वर्षीय जावेद हैदर और 25 वर्षीय मोहम्मद फारुख को गिरफ्तार किया है। ट्रक ट्राला के चालक व परिचालक ने बताया कि बोरे लादकर कोलकाता के लिए दोनों सवार हुए थे। ये प्रतिबंधित कछुए मैनपुरी और इटावा के क्षेत्रों में अधिक पाए जाते हैं। ऐसे माना जा रहा है कि तस्कर इटावा से कछुओं की खेप कोलकाता लेकर जा रहे थे। वहां इनका प्रयोग शक्तिवर्धक दवा बनाने में किया जाता है।

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