84 कोसी परिक्रमा से प्रवाह मान है रामनगरी की आध्यात्मिकता, राजमार्ग का दर्जा म‍िलने से उत्‍साह

राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास इस परिक्रमा मार्ग को राजमार्ग का दर्जा दिए जाने से अत्यंत उत्साहित हैं। 24 दिन तक तक चलने वाली परिक्रमा में बस्ती आंबेडकरनगर अयोध्या बाराबंकी व गोंडा के अनेक स्थल शामिल।

 

अयोध्या,  केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने रामनगरी के जिस 84 कोसी परिक्रमा मार्ग को राजमार्ग के रूप में उच्चीकृत करने की अधिसूचना जारी की है, उस परिक्रमा मार्ग से रामनगरी की आध्यात्मिकता और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत प्रवाहमान है। वर्ष की अलग-अलग तिथियों और पुण्य अवसर पर राम नगरी की तीन परिक्रमा होती हैं। पंचकोसी और 14 कोसी परिक्रमा क्रमश: काॢतक शुक्ल पक्ष एकादशी एवं नवमी के दिन होती हैं, जबकि 84 कोसी परिक्रमा की शुरुआत चैत्र मास की पूॢणमा से होती है, जहां अन्य परिक्रमा की शुरुआत रामनगरी से लगी परिधि में होती है वहीं 84 कोसी परिक्रमा की शुरुआत राम नगरी से कोई 15 किलोमीटर दूर बस्ती जिला के मख स्थान से होती है।

मान्यता है कि इसी स्थल पर युगों पूर्व राजा दशरथ ने पुत्र प्राप्ति की कामना से यज्ञ किया था। यहां पर आकर बढ़ती हुई 84 कोसी परिक्रमा पुण्य सलिला सरयू के किनारे पहुंचती है और सरयू को पार करती हुई बस्ती से आंबेडकरनगर जिले में दाखिल होती है। कुछ पौराणिक और त्रेता युग के स्थलों को शिरोधार्य करती हुई यह परिक्रमा सरयू तट के मनोरम स्थल पर स्थित श्रृंगी ऋषि के आश्रम पर पहुंचती है। चैत्र पूॢणमा से लेकर वैशाख शुक्ल पक्ष की नवमी यानी मां सीता की जयंती के बीच 24 दिन तक तक चलने वाली अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा में बस्ती और आंबेडकरनगर सहित अयोध्या तथा बाराबंकी एवं गोंडा जिले के अनेक स्थल शामिल हैं।

राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास इस परिक्रमा मार्ग को राजमार्ग का दर्जा दिए जाने से अत्यंत उत्साहित नजर आते हैं और इसके लिए वे प्रधानमंत्री तथा सड़क परिवहन मंत्री सहित पूरी भाजपा सरकार के प्रति कृतज्ञता अॢपत करते हैं। उनका मानना है कि इस निर्णय से अयोध्या की आध्यात्मिकता नए सिरे से गौरवान्वित हुई है और इससे नव्य भव्य अयोध्या विकसित करने के लिए शास्त्रीय और औचित्य पूर्ण आधार भूमि भी हासिल हुई है।

निश्चित रूप से यह घोषणा परिवहन की दृष्टि से अयोध्या को नया आयाम देने के साथ सांस्कृतिक केंद्र के रूप में इस नगरी को विकसित करने के प्रयासों में चार चांद लगाने वाला है। राम नगरी की 84 कोसी परिक्रमा की अवधारणा के पीछे दो तरह की मान्यता है। पहली यह कि श्री राम के समय उनके राज्य की राजधानी अयोध्या का विस्तार चौरासी कोस में था और दूसरी यह कि चौरासी कोस जीव की 84 लाख योनियों के परिचायक है और चौरासी कोस की परिक्रमा से जीव जन्म मृत्यु के झंझावात और संकट से मुक्त हो सदा सर्वदा के लिए भगवान का धाम और उनकी निकटता प्राप्त करता है।

योगी बोले पीएम के फैसले से लौटेगा अयोध्या का पुरातन गौरव

(चौरासी कोसी परिक्रमा मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किए जाने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया है। योगी ने ट्वीट किया कि प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन व कुशल नेतृत्व में चौरासी कोसी परिक्रमा मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने हेतु अधिसूचना जारी होना अयोध्या के पुरातन गौरव की पुनस्र्थापना हेतु बढ़ाया गया बड़ा कदम है। यह आध्यात्मिक पर्यटन क्षेत्र को संबल प्रदान करेगा।

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