चीन रणनीतिक कारणों से भारत से लगी सीमा पर बुनियादी ढांचे को तेजी से विस्तार दे रहा है। अरुणाचल प्रदेश की सीमा तक हाई स्पीड ट्रेन शुरू करने के बाद अब उसने तिब्बत के ल्हासा गोंगर हवाई अड्डे को बड़ा विस्तार दे दिया है।
बीजिंग, प्रेट्र। चीन रणनीतिक कारणों से भारत से लगी सीमा पर बुनियादी ढांचे को तेजी से विस्तार दे रहा है। अरुणाचल प्रदेश की सीमा तक हाई स्पीड ट्रेन शुरू करने के बाद अब उसने तिब्बत के ल्हासा गोंगर हवाई अड्डे को बड़ा विस्तार दे दिया है। इस हवाई अड्डे पर भारी-भरकम व्यवस्थाओं के साथ एक नया टर्मिनल बनाया गया है।
सैनिकों और हथियारों की त्वरित आपूर्ति के लिए उठाए रणनीतिक कदम
60.3 करोड़ डालर (करीब 4500 करोड़ रुपये) खर्च करके हवाई अड्डे पर 80 हजार मीट्रिक टन कार्गो क्षमता बढ़ाई गई है। यात्रियों की क्षमता भी इस टर्मिनल के बनने से 75 फीसद बढ़ गई है। चीन को हवाई अड्डे के विस्तार से अपनी सेना और हथियारों की त्वरित आपूर्ति में मदद मिलेगी। तिब्बत में ल्हासा गोंगर हवाई अड्डे के साथ ही यहां निंगची, शिगात्से और नगारी हवाई अड्डे भी हैं। ये सभी भारत और नेपाल सीमा के निकट हैं।
पहले ही शुरू हो चुकी है हाई स्पीड ट्रेन
अरुणाचल प्रदेश की सीमा के निकट होने के कारण तिब्बत में चीन तेजी से बुनियादी ढांचे का विकास कर रहा है। उसने पूर्व में ही ल्हासा से निंगची के लिए हाई स्पीड ट्रेन शुरू कर दी है। भारत की सीमा से लगे शहरों में चीन हवाई, सड़क और रेल परिवहन में तेजी से विस्तार कर रहा है।
ग्लोबल टाइम्स के अनुसार हवाई अड्डे के विस्तार से दक्षिण एशिया के लिए लाजिस्टिक हब बनाने में मदद मिलेगी। ज्ञात हो कि तिब्बत में चीन की गतिविधियां तेजी से बढ़ रही हैं। विगत 23 जुलाई को राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने भी बिना पूर्व घोषणा के तिब्बत का दौरा किया था।