आम बजट 2021-22 में की गई घोषणाओं के बाद विशेषज्ञों को लगता है कि रोजगार में इजाफा होना तय है, लेकिन सरकार की तरफ से बहुत कुछ और किए जाने की उनकी उम्मीदों पर जरूर पानी फिर गया है।
अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर और श्रम मामलों के विशेषज्ञ अमित बसोले ने ‘हिन्दुस्तान’ से बातचीत में कहा कि विनिर्माण क्षेत्र में नए निवेश और क्षमता विस्तार की दिशा में हुए ऐलान बेशक रोजगार में इजाफा करेंगे। हालांकि, सरकार ने मनरेगा के बजट में उम्मीद के मुकाबले इजाफा नहीं किया है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए चुनौतियां बढ़ जाएंगी। बसोले ने यह भी कहा कि रोजगार के मोर्चे पर बढ़त तभी होगी, जब इन ऐलानों को प्रभावी तरीके लागू किया जाए। योजनाओं को लागू करने को लेकर उन्होंने कहा कि अगर इसमें देर हुई तो हालात और बिगड़ सकते हैं। बसोले के मुताबिक कोरोना महामारी के चलते पिछले एक साल में हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई को लेकर बजट में कुछ भी नहीं किया गया है। इस दौरान लोगों की बचत खत्म हो गई और वे कर्ज पर जीने को मजबूर हो रहे हैं। अगर सरकार उनके लिए राहत का ऐलान करती तो फिर इन घोषणाओं का असर ज्यादा होता। अब नए रोजगार के जरिये लोगों की जो कमाई होगी, उसका इस्तेमाल कर्ज चुकाने में ज्यादा होगा।