हालिया दिनों में तालिबान नेताओं ने कई बार कहा है कि भारत इस क्षेत्र का अहम देश है और हम भारत से अच्छे रिश्ते चाहते हैं। तालिबान ने अफगानिस्तान में भारतीय निवेश का स्वागत किया है और कहा है भारत अफगानिस्तान में प्रोजेक्ट्स पर काम करना जारी रख सकता है। तालिबान ने लगातार दावा किया है कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल किसी भी देश के खिलाफ नहीं किया जाएगा। तो सवाल ये है कि भारत से अच्छे रिश्ते क्यों चाहता है तालिबान?
एक्सपर्ट्स बताते हैं कि तालिबान को पता है कि भारत इस इलाके का अहम देश है और भारत से दुश्मनी लेना ठीक नहीं रहेगा और यही कारण है कि तालिबान भारत से बातचीत करने को लेकर इच्छुक दिख रहा है।
अफगानिस्तान में भारत लगातार विकास के कामों में लगा रहा है। भारत ने कई प्रोजेक्ट्स पूरे किए हैं। लेकिन अभी कई प्रोजेक्ट्स आधे-अधूरे हैं और कई तो शुरू भी नहीं हो सके हैं। ऐसे में तालिबान चाहता है कि भारत इन प्रोजेक्ट्स को पूरा करे और नए प्रोजेक्ट्स पर काम करे ताकि अफगानिस्तान के इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार हो सके। तालिबान को पता है कि इन प्रोजेक्ट्स के पूरा होने से अफगानिस्तान के विकास की गति बढ़ जाएगी।
अफगानिस्तान दुनिया के सबसे बड़े ड्राई फ्रूट्स उत्पादक देशों में से है और भारत ड्राई फ्रूट्स के लिए दुनिया का सबसे बड़ा बाज़ार है। ऐसे में अफगानिस्तान भारत को सामान बेचना चाहता है। यह इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि अन्य देशों की अपनी उत्पादन क्षमता है लेकिन भारत जैसे बड़ी आबादी वाला देश ड्राई फ्रूट्स के लिए अफगानिस्तान जैसे देश पर निर्भर रहा है। हाल ही में एक तालिबान नेता ने कहा था कि हम (भारत और अफगानिस्तान) पाकिस्तान के जरिए ट्रेड कर सकते हैं। इसके साथ ही एयर कॉरिडोर का रास्ता तो है ही।
हालांकि भारत सरकार ने अब तक साफ़ नहीं किया है कि तालिबान सरकार से भारत के कैसे संबंध होंगे। यह सच है कि भारत ने 31 अगस्त को आधिकारिक तौर पर तालिबान से बातचीत की है लेकिन यह बातचीत किस ओर जाएगी, यह कहना मौजूदा वक्त में मुश्किल है।