अगले साल के बजट में मांग सृजन रोजगार सृजन और अर्थव्यवस्था को निरंतर 8 फीसद से अधिक विकास के रास्ते पर रखने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर जोर रहेगा। यह मोदी 2.0 सरकार और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का चौथा बजट होगा।
नई दिल्ली, पीटीआइ। कोविड-19 महामारी से प्रभावित भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेतों के बीच वित्त मंत्रालय 2022-23 के लिए वार्षिक बजट 12 अक्टूबर से तैयार करने की कवायद शुरू करेगा। अगले साल के बजट में मांग सृजन, रोजगार सृजन और अर्थव्यवस्था को निरंतर 8 फीसद से अधिक विकास के रास्ते पर रखने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर जोर रहेगा। यह मोदी 2.0 सरकार और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का चौथा बजट होगा।
16 सितंबर, 2021 को आर्थिक मामलों के विभाग के बजट प्रभाग के बजट सर्कुलर (2022-23) के अनुसार, ‘पूर्व-बजट/आरई (संशोधित अनुमान) बैठकें 12 अक्टूबर, 2020 से शुरू होंगी।’
सर्कुलर में कहा गया है, ‘सभी वित्तीय सलाहकारों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि परिशिष्ट I से VII में निहित इन बैठकों से संबंधित जरूरी डिटेल UBIS (केंद्रीय बजट सूचना प्रणाली) के आरई मॉड्यूल में दर्ज किए गए हैं।’ व्यय सचिव की ओर से अन्य सचिवों और वित्तीय सलाहकारों के साथ चर्चा पूरी करने के बाद 2022-23 के बजट अनुमान (बीई) को अंतिम रूप दिया जाएगा। बजट पूर्व बैठकें 12 अक्टूबर से शुरू होंगी और नवंबर के दूसरे सप्ताह तक जारी रहेंगी।
सर्कुलर के मुताबिक, केंद्रीय क्षेत्र और केंद्र प्रायोजित योजनाओं सहित सभी श्रेणियों के खर्च की सीमा पर चर्चा की जाएगी। सभी श्रेणियों के व्यय, और चुनिंदा योजनाओं/परियोजनाओं के लिए आरई 2021-22 और बीई 2022-23, राजस्व और पूंजीगत व्यय के लिए अलग से बताया जा सकता है। 2022-23 के बजट अनुमानों के लिए स्थापना और केंद्र सरकार के अन्य खर्चों के लिए आवंटन को अंतिम रूप दिया जाएगा।
चालू वित्त वर्ष के बजट में वास्तविक रूप से लगभग 10.5 फीसद की वृद्धि दर का अनुमान लगाया गया था, जबकि राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 6.8 फीसद था।