श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष चंपत राय ने रविवार को कहा कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र को लगभग 100 करोड़ का दान मिला है। न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा, “संपूर्ण डेटा अब तक मुख्यालय तक नहीं पहुंचा है, लेकिन हमें अपने कार्याकार्ताओं से एक रिपोर्ट मिली है कि उन्हें इस नेक काम के लिए लगभग 100 करोड़ रुपए का दान मिला है।”
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट अयोध्या में भव्य मंदिर के निर्माण के लिए विश्व हिंदू परिषद (VHP) द्वारा एक जन संपर्क और योगदान अभियान चलाया जा रहा है, जो कि 15 जनवरी से शुरू होकर और 27 फरवरी तक चलेगा। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट की स्थापना 9 नवंबर, 2020 को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार की गई थी।
राम मंदिर के निर्माण के लिए भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा किए गए दान के संबंध में पूछे गए सवालों के जवाब में राय ने कहा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है। उन्होंने कहा, “वह एक भारतीय हैं और भारत की आत्मा राम हैं। जो कोई भी सक्षम है वह इस नेक काम में मदद कर सकता है।” राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण में योगदान के रूप में, 5,00,100 का दान दिया।
श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि और मंदिर निर्माण समिति के प्रमुख नरेन्द्र मिश्रा के साथ 15 जनवरी को विश्व हिंदू परिषद (VHP) के प्रतिनिधिमंडल ने अपने अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार और RSS नेता कुलभूषण आहूजा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल के साथ राष्ट्रपति से मुलाकात की।
चंपत राय ने यह भी बताया कि राम मंदिर का निर्माण शुरू कर दिया गया है और यह 2024 से पहले, लगभग 39 महीनों में समाप्त हो जाएगा। ट्रस्ट के अनुसार, मंदिर का निर्माण देश की प्राचीन और पारंपरिक निर्माण तकनीकों कापालन करके किया जाएगा। इसे भूकंप, तूफान और अन्य प्राकृतिक आपदाओं से बचाए रखने में सक्षम बनाया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त को राम जन्मभूमि स्थल पर ‘भूमि पूजन’ कर इसकी शुरुआत की थी।