ब्रांडेड जूते और बैग हो सकते हैं 5% तक महंगे, जानें वजह

आम बजट 2021-22 संसद में पेश हो गया है। अब उसके एक-एक पहलुओं पर लोग अपनी राय दे रहे हैं। इस बार के आम बजट में कच्चे और तैयार चमड़े पर 10 प्रतिशत इम्पोर्ट ड्यूटी बढ़ा दी गई है। जिसके कारण अगले फाइनेंशियल ईयर में  ब्रांडेड चमड़े के जूते और बैग की कीमतें 5 प्रतिशत तक बढ़ सकती हैं। Hidesign के संस्थापक और अध्यक्ष दिलीप कपूर ने कहा, ‘इस फैसले से थोक और खुदरा क्षेत्रों में 5 प्रतिशत और 3 प्रतिशत की वृद्धि देखी जा सकती है। सरकार का यह फैसला घरेलू निर्माताओं के लिए करारा झटका है। यह हमें कमजोर बना देगा।’ अगर हम 10 प्रतिशत के कस्टम ड्यूटी की बात करें तो यह ब्लू क्रोम लेदर, क्रस्ट लेदर और सभी प्रकार के तैयार लेदर पर रहेगा।

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ब्रिटेन की जूता निर्माता और रिटेल क्लार्क्स के भारत में कार्यकारी निदेशक एन मोहन के अनुसार, ‘यह यह क्वालिटी सुधार करने के लिए दबाव बनाएगा, हम निर्माताओं के साथ मिलकर काम करने के लिए तत्पर हैं, ताकि क्वालिटी बढ़े और लागत कम हो जाए।’

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किन देशों पर निर्भर है भारत 

भारत इस समय दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैंड, ब्राजील, और अफ्रीका पर लेदर के लिए निर्भर है। ये सभी देश अपनी क्वालिटी और फीनिशिंग के लिए जाने जाते हैं। सुपर हाउस ग्रुप के चेयरमैन और एमडी मुख्तारुल अमीन ने कहा, ‘वर्षों से हम यूरोपीय और अमेरिकी खरीदारों के हिसाब से प्रोडक्ट तैयार करते थे। घरेलू बाजार में भी अब इन सामानों की मांग जोर पकड़ने लगी है। जूते और बैग में अगर 50 प्रतिशत हिस्सा लेदर रहता है तो इससे 5 प्रतिशत दाम बढ़ने की उम्मीद है।’

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 चमड़ा उत्पादों का बड़ा निर्यातक है भारत 

भारत हर साल करीब 5 बिलियन डाॅलर चमड़े के उत्पादों का निर्यात करता है, जबकि 0.5 बिलियन डॉलर कच्चे और तैयार तैयार चमड़े को आयात करता है। भारत का चमड़ा उद्योग रोजगार का भी एक बड़ा स्रोत है। 2 लाख के इनवेस्टमेंट पर 250 नई नौकरियां उतपन्न की जा सकती हैं।

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