तीन नवंबर को नरक चतुर्दशी मनाई जाएगी। इस दिन कुछ लोग हनुमान जयंती भी मनाते हैं। इस दिन सूर्योदय 6 29 बजे और त्रयोदशी तिथि सुबह 7 14 बजे तक ही है। इसके पश्चात दिन और रात्रि शेष 531 बजे (चार नवंबर की सुबह) तक चतुर्दशी है।
गोरखपुर, धनतेरस दो नवंबर को धूमधाम से मनाया जाएगा। नरक चतुर्दशी तीन को, दीपावली चार, गोवर्धन पूजा पांच व भैयादूज छह नवंबर को है। पूर्वांचल में दीपावली के दूसरे दिन परवा होता है, इस दिन कोई काम नहीं किया जाता। इसलिए ज्यादातर जगहों पर गोवर्धन पूजा, भैया दूज के दिन छह नवंबर को ही मनाई जाती है। तैयारियां तेज हो गई हैं। बाजार सज गए हैं।
ऐसे करें पूजन
दो नवंबर को सूर्योदय 6:28 बजे और द्वादशी तिथि सुबह 8: 35 बजे तक है। इसके बाद संपूर्ण दिन और रात्रि पर्यंत त्रयोदशी तिथि है। इसी दिन धनतेरस व धनवंतरि जयंती मनाई जाएगी। इस दिन धन के स्वामी कुबेर की पूजा की जाती है और धातु के बने बर्तनों को खरीदना समृद्धिदायक माना जाता है। धनतेरस के दिन सायंकाल यम के निमित्त दीपदान होता है। ऐसा करने से आगामी वर्ष घर में अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है।
तीन को मनेगी नरक चतुर्दशी
तीन नवंबर को नरक चतुर्दशी मनाई जाएगी। इस दिन कुछ लोग हनुमान जयंती भी मनाते हैं। इसे छोटी दीपावली भी कहते हैं। इस दिन सूर्योदय 6: 29 बजे और त्रयोदशी तिथि सुबह 7: 14 बजे तक ही है। इसके पश्चात दिन और रात्रि शेष 5:31 बजे (चार नवंबर की सुबह) तक चतुर्दशी है। पौराणिक आख्यानों के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर को इसी दिन मारकर पृथ्वीवासियों को उसके भय से मुक्ति दिलाई थी। इसी खुशी में इस दिन दीप जलाए जाते हैं। दीपावली और कमला जयंती चार नवंबर को है। इस दिन सूर्योदय 6: 30 बजे और अमावस्या तिथि का मान संपूर्ण दिन और रात्रि 3: 32 बजे तक है। इस दिन दीपावली का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। इस दिन समुद्र मंथन से महालक्ष्मी का कमल पर प्राकट्य हुआ था, इसलिए इस दिन मां कमला (महालक्ष्मी) की जयंती भी मनाई जाती है।
भक्तों की सदैव चिंता करते हैं भगवान
भगवान सदैव भक्तों की चिंता करते हैं। उन्होंने नरकासुर को मारकर उसके कारागृह से 16 हजार कन्याओं को मुक्त कराया। उन कन्याओं की प्रार्थना पर भगवान ने उनसे विवाह किया। यह बातें श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ न्यास के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि ने कही। वह साकेत नगर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा कार्यक्रम में रविवार को व्यास पीठ से श्रद्धालुओं को कथा सुना रहे थे। उन्होंने कहा कि भगवान का स्वाभाव बहुत अच्छा है। वह हमेशा हंसते रहते हैं। रुक्मिणी से भी विनोद करते हैं। कभी वह नाराज हो जाती हैं तो उन्हें मनाते भी हैं। उनके लिए हर भक्त एक जैसा है। सबके साथ समान व्यवहार करते हैं।
ग्यारह हजार दीए से जगमग होगा भीम सरोवर
भोजपुरी एसोसिएशन आफ इंडिया ‘भाई’ और गोरखनाथ मंदिर के संयुक्त तत्वाधान में रह वर्ष की तरह इस वर्ष भी दीपावली के पहले दो नवंबर को शाम छह बजे गोरखनाथ मंदिर परिसर में ‘एक दीया शहीदों के नाम’ कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान भीम सरोवर को 11 दीपों से जगमग किया जाएगा। दीपोत्सव के क्रम में एक भव्य सांस्कृतिक संध्या भी आयोजित की जाएगी, जिसमें देश के लिए कुर्बानी देने वाले शहीदों को संगीतमय श्रद्धांजलि दी जाएगी। यह जानकारी कार्यक्रम संयोजक राकेश श्रीवास्तव ने दी।