लखनऊ में कूड़ा उठाने वाले वाहनों से जोनों में हो रही तेल की चोरी, नगर आयुक्त ने बनाई जांच कमेटी

लखनऊ में सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए डीजल वितरण में बदलाव किया गया था। ताकि जोनल कार्यालय के अधिकारी कूड़ा उठाने के लिए वाहनों का इंतजार न करें। अब जोनल कार्यालय में तेल चोरी बड़े पैमाने पर हो रहा है।

 

लखनऊ,  लखनऊ में सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए डीजल वितरण में बदलाव किया गया था। ऐसा इसलिए कि जोनल कार्यालय के अधिकारी कूड़ा उठाने के लिए वाहनों का इंतजार न करें। पहले तेल का वितरण नगर निगम के आरआर विभाग से होता था। यहां भी डीजल वितरण में चोरी होती थी, लेकिन अब जोनल कार्यालय में तेल चोरी बड़े पैमाने पर हो रहा है। इससे कूड़ा उठान को और सरल बनाने की व्यवस्था खराब होती जा रही है।

जोनल कार्यालयों में तेल खर्च का कोई हिसाब नहीं है और तेल चोरी कराने में कई जोनल अधिकारी से लेकर तेल वितरण का काम देख रहे सफाई एवं खाद्य निरीक्षकों का नाम सामने आया है। खुद नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी मानते हैं कि जोनों में तेल वितरण में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हो रही है और कुछ जोन के बारे में उनके पास कुछ तथ्य भी हाथ लगे थे। तेल चोरी हो रहा है। अधिक मात्रा में तेल खर्च हो रहा है, लेकिन उतनी बेहतर सफाई नहीं हो पा रही है। जोनल अधिकारी तेल खर्च का हिसाब तक ठीक से नहीं दे पा रहे हैं। इस गड़बड़ी को रोकने और तेल चोरी में लिप्त अधिकारियों के बारे में पता करने के लिए वह खुद भी जांच करेंगे। तीन अपर नगर आयुक्तों की टीम बनाई जा रही है, जो जोनल कार्यालयों में तेल खर्च पर अपनी रिपोर्ट देगी।

चालक करा रहे वाहन पाने की सिफारिशः जोन में चल रही नई गाडिय़ों को पाने के लिए चालक प्रभावशाली लोगों से नगर निगम पर दवाब बना रहे हैं। इसमे कुछ मंत्री और अधिकारी भी शामिल हैं। चालक को कौन सी गाड़ी और किस जोन में चाहिए? इस तरह की सिफारिश करा रहे हैं। कूड़ा उठाने के 110 सीएनजी वाहन आने के बाद चालकों का इन वाहनों से मोह खत्म हो गया है और वे डीजल वाले वाहन चाहते हैं, जिससे तेल चोरी कर सकें।

तेल प्रभारी का सारा खेलः हर जोन में किसी एक सफाई एवं खाद्य निरीक्षक को तेल वितरण का इंचार्ज बनाया गया है। इसके लिए एक पेट्रोल पंप तय कर दिया गया है। तेल प्रभारी की पर्ची से ही तेल मिल पाता है। तेल प्रभारी और जोनल अधिकारी के बीच ठीक संबंध होने के कारण अन्य वाहनों को तेल ही नहीं मिल पाता है और कई दिनों तक कूड़ा नहीं उठ पाता है। इसी तरह चालक भी पेट्रोल पंप से कम तेल लेकर पैसा ले लेते हैं। इसमें पांच लीटर के एवज में तीन से चार लीटर का पैसा मिल जाता है।

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