कोरोना वायरस से बचाव के लिए एस्ट्राजेनेका के टीके को ईजाद करने वाले वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि यह पिछले साल के अंत में ब्रिटेन में पता चले कोविड-19 के नए स्वरूप के खिलाफ भी काम कर सकता है।
फाइजर और मॉडर्ना सहित अन्य टीका विनिर्माताओं द्वारा पूर्व में पाए गए परिणामों के यह समान है। एस्ट्राजेनेका टीका विकसित करने में मदद करने वाले ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के एंड्रयू पोलार्ड ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि यह टीका कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों में वायरस के फैलने की दर को भी धीमा कर सकता है।
इस सिलसिले में अनुसंधान फिलहाल किसी प्रमुख जर्नल में प्रकाशित नहीं हुआ है। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की सारा गिलबर्ट ने कहा कि इस टीके को ब्रिटेन में पता चले कोरोना वायरस के नए स्वरूप से निपटने के अनुकूल भी बनाया जाना चाहिए। इसके लिए टीका विनिर्माता इसमें एक नया जीन सीक्वेंस शामिल कर सकते हैं।
वैज्ञानिक इस बारे में नियामक एजेंसियों के साथ बातचीत कर रहे हैं ताकि वे किसी नए टीके को शीघ्र अधिकृत कर सकें। अनुसंधानकर्ता दक्षिण अफ्रीका में पता चले कोरोना वायरस के नए स्वरूप के खिलाफ भी टीके की संभावित प्रभाव क्षमता का अध्ययन कर रहे हैं।