ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन ने शनिवार को देश की आजादी व लोकतंत्र की सुरक्षा को मिलने वाली चुनौतियों का उल्लेख करते हुए सैन्य दुस्साहस के खिलाफ चीन को चेतावनी दी। नए वर्ष पर अपने संबोधन में साई ने कहा लोकतंत्र व आजादी कोई अपराध नहीं है।
ताइपे, ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन ने शनिवार को देश की आजादी व लोकतंत्र की सुरक्षा को मिलने वाली चुनौतियों का उल्लेख करते हुए सैन्य दुस्साहस के खिलाफ चीन को चेतावनी दी। नए वर्ष पर अपने संबोधन में साई ने कहा, ‘लोकतंत्र व आजादी कोई अपराध नहीं है और हांगकांग के समर्थन में ताइवान की स्थिति नहीं बदलेगी। अपनी अन्य चिंताओं से इतर हम अत्यंत परिश्रम से अर्जित आजादी व लोकतंत्र को और मजबूत करते रहेंगे। हम ताइवान को बेहतर बनाएंगे और दुनिया को दिखा देंगे कि देशवासियों में सत्तावादी चीन की परछाई से बाहर निकलने की ताकत है। ताइवान दबाव के आगे नहीं झुकेगा।’
ताइवान की राष्ट्रपति ने नए साल पर चीन को चेताया
ताइवान फोकस ने साई के हवाले से कहा, ‘वर्ष 2022 में हमारे शासन के चार स्तंभ हैं- दुनिया के साथ जुड़ाव जारी रखना, आर्थिक रफ्तार को बरकरार रखना, सामाजिक सुरक्षा नेटवर्क को मजबूत बनाना और राष्ट्र की संप्रभुता की सुरक्षा।’ रायटर के अनुसार, फेसबुक पर लाइव भाषण में साई ने कहा, ‘हम चीन को याद दिला देना चाहते हैं कि स्थितियों का गलत आकलन नहीं करना चाहिए और सैन्य दुस्साहस के आंतरिक विस्तार पर अंकुश लगाना चाहिए।’
शी ने मातृभूमि के पुन: एकीकरण का किया आह्वान
चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने शुक्रवार को नए साल के संबोधन में मातृभूमि के पुन: एकीकरण का आह्वान किया। उन्होंने दावा किया कि ताइवान जलडमरूमध्य के दोनों तरफ के लोगों की यही भावना है। बीजिंग में ताइवान मामलों के अधिकारी झू फेंगलियान ने साई के भाषण के बाद कहा, ‘हम शांतिपूर्ण तरीके से एकीकरण चाहते हैं, लेकिन ताइवान की आजादी का इच्छा रखने वाले लोगों ने लक्षमण रेखा पार की तो हमें कठोर कदम उठाने होंगे।’ चीन अलग होने के दशकों बाद भी ताइवान को अपना एक प्रांत मानता है। ताइवान, अमेरिका आदि शक्तिसंपन्न लोकतांत्रिक देशों के साथ कूटनीतिक संबंधों के जरिये चीन की आक्रामकता का जवाब देता रहता है।