शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करते समय बाजार पर संभावित असर डालने वाली तमाम घटनाओं को ध्यान में जरूर रखना चाहिए। विश्लेषकों का मानना है कि मैक्रोइकॉनॉमिक डेटा की घोषणा ओमिक्रॉन की स्थिति और वैश्विक रुझान नए साल 2022 के पहले सप्ताह में इक्विटी बाजार के लिए मेजर ड्राइविंग फैक्टर होंगे।
नई दिल्ली, पीटीआइ । शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करते समय बाजार पर संभावित असर डालने वाली तमाम घटनाओं को ध्यान में जरूर रखना चाहिए। ऐसे में विश्लेषकों का मानना है कि मैक्रोइकॉनॉमिक डेटा की घोषणा, ओमिक्रॉन की स्थिति और वैश्विक रुझान नए साल 2022 के पहले सप्ताह में इक्विटी बाजार के लिए मेजर ड्राइविंग फैक्टर होंगे। वहीं, बीते साल की बात करें तो यह एक ऐतिहासिक साल रहा। भारतीय शेयर सूचकांक काफी ऊपर तक गया। 30-शेयर वाले सेंसेक्स ने 2021 में 10,502.49 अंक (21.99 प्रतिशत) का वार्षिक लाभ कमाया।
रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष (अनुसंधान) अजीत मिश्रा ने कहा, “यह सप्ताह एक नए महीने की शुरुआत का प्रतीक है और प्रतिभागी मासिक ऑटो बिक्री, इंडिया मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई और इंडिया सर्विसेज पीएमआई जैसे कुछ महत्वपूर्ण उच्च आवृत्ति डेटा पर बारीकी से नजर रख रहे होंगे। इसके अलावा, COVID-19 स्थिति पर अपडेट और वैश्विक बाजारों का प्रदर्शन भी महत्वपूर्ण होगा।” उन्होंने कहा कि हालांकि पिछले दो हफ्तों से बाजारों में रिकवरी देखी जा रही है, लेकिन यह कहना जल्दबाजी होगी कि हम मुश्किलों को पार कर चुके हैं।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के प्रमुख (खुदरा अनुसंधान) सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि बाजार सतर्कता के साथ नए साल 2022 की शुरुआत करेगा क्योंकि ओमिक्रॉन भारत और विश्व स्तर पर तेजी से फैल रहा है। उन्होंने कहा, “”हालांकि, हम आशावादी बने हुए हैं और उम्मीद करते हैं कि निफ्टी 2022 में लगभग 12-15 प्रतिशत रिटर्न देगा।” खेमका ने कहा, “हालांकि, ओमिक्रॉन वेरिएंट और नाजुक वैश्विक संकेतों से संभावित जोखिम के कारण बाजार की प्रवृत्ति निकट अवधि में अस्थिर हो सकती है।”
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के प्रमुख (शोध) विनोद नायर ने कहा, “ब्याज दरों में बढ़ोतरी पर आरबीआई का फैसला बाजार द्वारा ट्रैक की जाने वाली एक बड़ी घटना होगी। 2022 के लिए बाजार पर हमारा सकारात्मक दृष्टिकोण है।”
मासिक बिक्री डेटा घोषणाओं के बीच सोमवार को शेयर मार्केट खुलने के साथ ही ऑटोमोबाइल कंपनियां भी फोकस में रहेंगी। विनिर्माण और सेवा क्षेत्र के लिए पीएमआई डेटा इस सप्ताह घोषित किया जाना है, जो व्यापारिक धारणा को भी प्रभावित करेगा।