लखनऊ एसटीएफ को 3 और नटवरलालों की तलाश, फेक दस्तावेजों से करते हैं फर्जीवाड़ा

दिव्यांगों का वजीफा, छात्रवृत्ति, फर्जी अंकपत्र व प्रमाणपत्र बनाने वाले जालसाज गैंग का मास्टर माइंड संजय कुमार यादव दो सदस्यों के साथ गिरफ्तार लिया गया है। लखनऊ एसटीएफ टीम ने इनके विरुद्ध विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया है। इस गैंग के तीन और नटवरलालों की एसटीएफ को तलाश है। गहन पूछताछ के बाद तीनों जालसाजों को कोर्ट में पेश किया गया है।

देहात कोतवाली के नगर गांव निवासी संजय कुमार यादव इसी गांव स्थित मुंसरा देवी उषा इंटर कॉलेज में प्रधानाचार्य हैं। वह अपने पांच और जालसाज गुर्गों के साथ मिलकर दिव्यांगों के नाम से कूटरचित फर्जी प्रमाणपत्र तैयार कर ऑनलाइन फार्म भरकर अनुदान राशि निकालकर आपस में बांट लेता था। यही नहीं यह गैंग छात्र-छात्राओं के नाम फर्जी प्रमाणपत्र तैयार कर ऑनलाइन फार्म पर अपने गुर्गों की ओर से खुलवाए गए बैंक खातों से धन निकासी करते थे। यही नहीं यह फर्जी अंकपत्र व प्रमाणपत्र भी तैयार कर भारी धन हासिल कर लोगों को मुहैय्या कराते थे।

इसकी भनक एसटीएफ लखनऊ के उपाधीक्षक धर्मेश कुमार शाही को लगी। उन्होंने तत्काल इस को गंभीरता से लेकर एसटीएफ में तैनात उपनिरीक्षक सत्येन्द्र विक्रम सिंह व उपनिरीक्षक वीरेन्द्र सिंह यादव को लगाया। इन दोनों टीमों ने कड़ी मेहनत व इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस के जरिए ठोस आधार हासिल कर शनिवार को देर शाम देहात कोतवाली के नगर स्थित मुंसरा देवी उषा इंटर कालेज पहुंचकर दबिश की तैयारी कर देहात कोतवाल ओमप्रकाश सिंह से और पुलिस बल की मांग की। जिस पर रायपुर राजा पुलिस चौकी प्रभारी वीरपाल सिंह, सिपाही अवधेश कुमार गौड़, शैलेश कुमार को भेजा गया। उनके पहुंचते ही दबिश देकर नगर निवासी संजय कुमार यादव, रवि कुमार यादव व कोतवाली नगर के मीराखेलपुरा निवासी अफजल वसीम खान को धर दबोचा। उनके विरुद्ध कोतवाली देहात में संबंधित धाराओं में केस दर्ज कराया गया है।

दबिश में मिला जालसाजी के सामान का जखीरा

एसटीएफ टीम को इस इंटर कालेज में जालसाजों के पास से 244 जियो, वोडा, एयरनार के एक्टिवेटेड सिम, 55 फर्जी शैक्षणिक प्रमाण पत्र, 24 चिकित्सा व शिक्षा विभाग के बड़े अफसरों की मुहर, 5 एंड्रायड मोबाइल, एक लैपटाप, एक कलर्ड प्रिंटर, 4 सौ छात्रवृत्ति प्रमाण पत्र, कूट रचित आधार कार्ड, 12 ब्लैंक कूटरचित मार्कशीट व अन्य दस्तावेज आदि बरामद किए गए।

फर्जी दस्तावेजों से होता था खेल

जालसाजों का यह रैकेट दिव्यांगों के प्रमाण पत्र खुद तैयार करता था। इसके लिए बहराइच व श्रावस्ती के सीएमओ की फर्जी मुहर काम में लाई जाती थी। प्रमाण पत्र के जरिए वजीफे को आनलाइन फार्म अपलोड किए जाते थे। फरार अन्य तीन गुर्गे बैंकों के बीसी केन्द्र पर बैंक खाते खुलवाते थे। खातों में धन आनलाइन आने पर बीसी केन्द्र के माध्यम से निकालकर बांट लिया जाता था। यही प्रक्रिया छात्र – छात्राओं के नाम निकाले जाने वाली छात्र वृत्ति में अपनाया जाता था। यही नहीं इसके अलावा यह गैंग हाई स्कूल व इंटरमीडिएट के फर्जी अंक पत्र व प्रमाण पत्र तैयार कर भारी भरकम धन हासिल कर जरूरतमंद लोगों को मुहैय्या कराता था।

आधार कार्डों में भी होता था हेरफेर
इस जालसाज गैंग की ओर से एक ही नम्बर के आधार कार्ड पर दो या तीन अलग नामों से बनवा कर जालसाजी की गई है। हालांकि फोटो एक ही व्यक्ति के रहते थे। आशंका है इस गैंग ने करोड़ों की सरकारी धनराशि हड़पा है। इंटर कालेज की आड़ में यह गोरखधंधा पनप रहा था। यह इंटर कालेज वित्त विहीन मान्यता प्राप्त है। नगर गांव ही नहीं पूरे जनपद के लोग हैरत में हैं कि एक गांव के इंटर कालेज को केन्द्र बनाकर कितनी मासूमियत से जुर्म का साम्राज्य खड़ा कर लिया गया था। जिसे एसटीएफ ने एक झटके में ढहा दिया है।

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