रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की सहायक कंपनी रिलायंस न्यू एनर्जी लिमिटेड ने सोमवार को लिथियम वर्क्स बीवी की सभी परिसंपत्तियों के अधिग्रहण के समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह डील 61 मिलियन अमरीकी डालर की है। रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा कि साथ काम करने की ओर बढ़ रहे हैं।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) की सहायक कंपनी रिलायंस न्यू एनर्जी लिमिटेड ने सोमवार को लिथियम वर्क्स बीवी की सभी परिसंपत्तियों का 61 मिलियन अमरीकी डालर में अधिग्रहण कर लिया, जिसमें भविष्य के विकास के लिए धन भी शामिल है। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की ओर से प्रेस रिलीज जारी करके कहा गया कि समझौते पर हस्ताक्षर किया गया है। उसने बताया कि संपत्ति में लिथियम वर्क्स का संपूर्ण पेटेंट पोर्टफोलियो, चीन में विनिर्माण इकाई, प्रमुख व्यावसायिक अनुबंध और मौजूदा कर्मचारियों को काम पर रखना शामिल है।
कंपनी ने कहा कि लिथियम आयरन फॉस्फेट बैटरियों और लिथियम वर्क्स के एलएफपी समाधानों के एकीकृत पोर्टफोलियो की मांग में पुनरुत्थान के साथ, रिलायंस का लक्ष्य वैश्विक अवसरों का लाभ उठाना है। उसने कहा कि इससे रिलायंस के प्रौद्योगिकी पोर्टफोलियो को मजबूती मिलेगी और एलएफपी पेटेंट के दुनिया के अग्रणी पोर्टफोलियो तक पहुंच तय होगी। कहा गया कि एंड-टू-एंड बैटरी इकोसिस्टम स्थापित करने में फैराडियन लिमिटेड और लिथियम वर्क्स के अधिग्रहण के साथ प्रौद्योगिकी तथा वरिष्ठ प्रबंधन टीमों के अनुभव का लाभ मिलेगा।
आरआईएल के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा कि एनएमसी और अन्य केमिस्ट्रीज की तुलना में एलएफपी (लिथियम आयरन फॉस्फेट बैटरी) अपनी कोबाल्ट तथा निकल मुक्त बैटरी, कम लागत और लंबे जीवन के कारण अग्रणी सेल केमिस्ट्रीज में से एक के रूप में तेजी से बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि लिथियम वर्क्स वैश्विक स्तर पर अग्रणी एलएफपी सेल निर्माण कंपनियों में से एक है और इसके पास एक विशाल पेटेंट पोर्टफोलियो तथा एक प्रबंधन टीम है, जो एलएफपी मूल्य श्रृंखला में नवाचार का जबरदस्त अनुभव रखती है।
मुकेश अंबानी ने कहा, “हम लिथियम वर्क्स टीम के साथ काम करने की ओर बढ़ रहे हैं और जिस गति से हम भारतीय बाजारों के लिए एंड-टू-एंड बैटरी निर्माण तथा आपूर्ति पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, उससे उत्साहित हैं।”