अमेरिका ने म्यांमार में लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित सरकार को तत्काल और पूर्ण रूप से बहाल करने की मांग की और कहा कि अमेरिका इस एशियाई देश के निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ खड़ा है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने संवाददाताओं से कहा, ”यह कहना उचित है कि हम बर्मा के लोगों के निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ देश की जनता की आवाज उठाने के प्रयासों में उनके साथ खड़े हैं। हम लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित सरकार को तत्काल और पूर्ण रूप से बहाल करने की उनकी मांग के साथ हैं।
उन्होंने कहा,” हम शांतिपूर्ण ढंग से एक जगह इकट्ठा होने के अधिकार जिसमें लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित सरकार के पक्ष में शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन शामिल हैं, तथा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सहित मांग करने के अधिकार, प्राप्त करने के अधिकार , ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही प्रकार से सूचना देने के अधिकार का समर्थन करते हैं।
गौरतलब है कि म्यांमार की सेना ने पिछले सप्ताह देश की निर्वाचित सरकार को अपदस्थ करके देश पर अपना नियंत्रण कर लिया और नेताओं को हिरासत में ले लिया। सेना का आरोप है कि देश में हाल ही में हुए चुनावों में धांधली हुई थी और स्टेट काउंसलर आंग सान सू ची सरकार ने इसकी कोई जांच नहीं कराई है। देश के निर्वाचन आयोग ने इस आरोपों को खारिज किया है।
प्राइस ने कहा कि म्यांमार में सेना की ओर से हाल ही में लोगों के इकट्ठा होने पर लगाई गई पाबंदी संबंधी घोषणा से चिंतित है। उन्होंने कहा, ” हम बर्मा में तथा पूरे विश्व में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, शांतिपूर्ण प्रदर्शनों के उद्देश्य के लिए इकट्ठे होने सहित शांतिपूर्ण तरीके से कहीं एकत्रित होने के अधिकार का मजबूती से समर्थन करते हैं। रिपब्लिकन पार्टी के नेता मिच मैकनल ने सोमवार को बर्मा के लोगों का समर्थन किया।