एक से लोन लेकर दूसरे बैंक में चालू खाता चलाने वालों पर सख्ती शुरू हो गई है। आरबीआई ने पहले चरण मे 13 हजार खाताधारकों की सूची बैंकों को भेजी है। इस सूची के आधार पर बैंकों ने अपने 12 हजार से अधिक चालू खाताधारकों को पत्र भेजकर कहा है कि ऐसा अब नहीं चलेगा। जिस बैंक से सीसी (कैश क्रेडिट) या ओडी (ओवरड्राफ्ट) की सुविधा ली है, वहीं से चालू खाता चलाएं। बैंकों ने 15 दिन में जवाब नहीं देने पर खाता बंद करने की चेतावनी भी दी है। इस पत्र सें व्यापारियों में हड़कंप मचा है।
सेंट्रल बैंक के क्षेत्रीय प्रबन्धक एलबी झा कहते हैं कि बहुत से व्यापारी एक बैंक से लोन लेकर दूसरे में चालू खाता चला रहे थे। इससे सीसी या ओडी खाते में एक रुपया भी जमा नहीं होने से ये खाते एनपीए हो जा रहे थे। बढ़ते एनपीए पर रोक लगाने के लिए आरबीआई ने दिशा-निर्देश भेजे हैं। ताकि सीसी या ओडी की सुविधा लेने वाले खाताधारक लोन वाले बैंक से ही लेनदेन करने को विवश हों।
बैंक सूत्रों के मुताबिक रिजर्ब बैंक ने जनपद के सभी बैंकों को 13 हजार खाताधारकों की सूची भेजी है। सूची मिलने के बाद एसबीआई, यूनियन, सेंट्रल बैंक व पीएनबी ने अपने चालू खाताधारकों को नोटिस भेजकर 15 दिन में जवाब मांगा है। नोटिस के बाद व्यापारी, फर्म व विभिन्न संस्थान दूसरे बैंकों के चालू खाते बंद कर रहे है।
यूनियन बैंक के क्षेत्रीय प्रमुख भोला नाथ ने बताया कि रिजर्ब बैंक ने हमारी शाखाओं के करीब 2500 चालू खाताधारकों को चिह्नित किया है। इन सभी को नोटिस भेजकर खाता बंद करने व लोन देने वाले बैंक से ही लेनदेन का सुझाव दिया गया है। साथ ही आरबीआई ने यह भी कहा है कि ऐसे खाताधारकों का चालू खाता खोलने से पहले जांच-परख कर ली जाए। 31 मार्च तक इस तरह के खाताधारकों पर अकुंश लगाने पर पूरा जोर है।