कैबिनेट बैठक में योगी सरकार ने व्यावसायिक वाहनों के 916 करोड़ रुपये के बकाये को माफ करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इससे 5.38 लाख वाहन मालिकों को होगा फायदा बकाये के दंड में शत-प्रतिशत की छूट।
लखनऊ, योगी कैबिनेट ने मंगलवार को व्यावसायिक वाहनों के पुराने बकाये पर लगने वाली पेनाल्टी को शत-प्रतिशत माफ करने के लिए ‘एकमुश्त शास्ति समाधान योजना-2022’ को मंजूरी दे दी है। इसके तहत एक अप्रैल 2020 को या फिर उसके पहले पंजीकृत वाहनों के बकाये पर दंड की शत-प्रतिशत छूट अधिसूचना जारी होने के दिनांक से पांच माह तक के लिए प्रदान की जाएगी। इस योजना का लाभ 5.38 लाख वाहन मालिकों को मिलेगा।
दरअसल, विभिन्न श्रेणी के व्यावसायिक वाहनों के लिए कर जमा कराने की भिन्न-भिन्न व्यवस्था है। बसों का कर मासिक जमा होता है। चार पहिया टैक्सियों का त्रैमासिक व तिपहिया यात्री/माल वाहनों का वार्षिक कर जमा होता है। कई बार विभिन्न कारणों से व्यावसायिक वाहनों पर कर बकाया हो जाता है।
इसके अलावा व्यावसायिक वाहनों की आयु सीमा निर्धारण में एकरूपता नहीं होने के कारण भी व्यावसायिक वाहन जब तक संचालन योग्य रहते हैं, तब तक संचालित होते रहते हैं। ज्यों-ज्यों वाहन पुराने होते जाते हैं, वाहनों के रख-रखाव में भी वृद्धि होती रहती है। इस कारण नियमित कर जमा नहीं हो पाता है।
कई ऐसे भी वाहन हैं जो आयु अधिक हो जाने, अस्तित्वहीन हो जाने, संचालन योग्य न रह जाने, दुर्घटनाग्रस्त हो जाने आदि के बावजूद भी वाहनों का पंजीकरण कार्यालय में निरस्त न किए जाने से कंप्यूटर अभिलेखों में ऐसे वाहन अस्तित्व में प्रदर्शित हो रहे हैं। इनका बकाया अपने आप सृजित होता रहता है। ऐसे ही वाहनों के बकाये पर लगने वाली पेनाल्टी पर शत-प्रतिशत छूट प्रदान करने के लिए सरकार यह योजना लेकर लाई है।
परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने बताया कि पहली बार परिवहन विभाग इस तरह की योजना लेकर आया है। इसके तहत 5.38 लाख वाहनों के बकाये की 916 करोड़ रुपये पेनाल्टी माफ की जाएगी। मंत्री ने बताया कि इस योजना का लाभ 1957 में पंजीकृत एक वाहन को भी मिलेगा। इस वाहन पर भी कर और पेनाल्टी पर पेनाल्टी लगी हुई थी।