ब्राउनी को गोद में लेकर अमित त्रिपाठी ने उसे घर से करीब 100 मीटर दूर खड़े वाहन में छोड़ा। ब्राउनी की आंख पर कपड़ा पड़ा था। वह बहुत खामोशी से घर से वाहन तक पहुंचा। इस दौरान दूसरे श्वान उसे देख जरूर भौंके लेकिन ब्राउनी की कोई प्रतिक्रिया नहीं दिखी।
लखनऊ, जिस बंगाली टोला में पिछले दिनों सेवानिवृत्त शिक्षिका सुशीला त्रिपाठी को नृशंस तरीके से उनके पालतू पिटबुल प्रजाति के श्वान ब्राउनी ने मार दिया था। उस गली में गुरुवार की सुबह चहलकदमी अचानक बढ़ गई। नगर निगम की टीम जब ब्राउनी को एकांतवास में भेजने के लिए पकड़ने पहुंची तो लोग अपने घर की खिड़कियों से इस नजारे को देखते रहे।
इससे पहले कि नगर निगम ब्राउनी को जाल में बंद करके ले जाता, उसके स्वामी अमित त्रिपाठी ने उसे खुद ही गाड़ी तक ले जाने की विनती की। ब्राउनी को गोद में लेकर अमित त्रिपाठी ने उसे घर से करीब 100 मीटर दूर खड़े वाहन में छोड़ा। ब्राउनी की आंख पर सफेद कपड़ा पड़ा था। वह बहुत खामोशी से घर से वाहन तक पहुंचा। इस दौरान दूसरे श्वान उसे देख जरूर भौंके, लेकिन ब्राउनी की कोई प्रतिक्रिया नहीं दिखी। कुछ देर उसके सिर पर हाथ फेरा और वाहन का गेट बंद कर दिया।
नगर निगम के पशु चिकित्सा अधिकारी डा. अभिनव वर्मा और इंस्पेक्टर राजेश उपाध्याय ब्राउनी को पकड़ने के लिए एक वाहन लेकर पहुंचे। वाहन में पहले से ही कई क्षेत्रों से पकड़े गए करीब एक दर्जन श्वान मौजूद थे। श्वान पकड़ने के लिए हयूमन सोसाइटी संस्था के छह कर्मचारी भी थे। उनमें चार के हाथ में जाल और दो के पास लंबी राड भी थी।
पहले कुछ देर तक तो ब्राउनी की दहशत के चलते उसे पकड़ने गए नगर निगम के कर्मचारी हिम्मत तक नहीं जुटा पा रहे थे। इस बीच पशु चिकित्सा अधिकारी डा. अभिनव वर्मा ने अमित त्रिपाठी से ब्राउनी को उनको सौंपने को कहा। अमित त्रिपाठी ने कहा कि ब्राउनी को उन्होंने अपनी जान की तरह पाला है। उसने जो किया वो किया, लेकिन इससे पहले वह हमेशा शांत रहा है। अब इस हादसे के बाद मुझे इसे रखना भी नहीं है। इसलिए उसे घसीटकर या जबरदस्ती न ले जाया जाए।
साथ ही उसे अन्य श्वानों के साथ न ले जाकर अलग वाहन से भेजा जाए। अमित त्रिपाठी ने कहा कि वह खुद अपने हाथ से ब्राउनी को वाहन तक ले जाएगा। इसके बाद सभी कर्मचारियों को वहां से हटा दिया गया। करीब 15 मिनट बाद अमित त्रिपाठी ने ब्राउनी को अपनी गोद में उठाया। उसकी आंख को सफेद कपड़े से ढका और बाहर तक लेकर आए।
स्वभाव की होगी निगरानी : नगर निगम के पशु चिकित्सा अधिकारी डा. अभिनव वर्मा ने बताया कि पिटबुल ब्राउनी को इंदिरानगर स्थित एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर ले जाया जाएगा। वहां शेल्टर हाउस में रखने के बाद उसकी नसबंदी होगी। साथ ही उसके व्यवहार की निगरानी की जाएगी। लखनऊ में पिटबुल प्रजाति के श्वानों के 25 लाइसेंस जारी किए गए हैं। कुल 700 से 800 श्वान पंजीकृत हैं।