अफ्रीकी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के कार्यवाहक निदेशक अहमद ओगवेल ने कहा कि टीके को लेकर कई संस्थानों और गैर-अफ्रीकी सरकारों के साथ उनकी बातचीत चल रही है। अफ्रीका में मंकीपॉक्स का खतरा ज्यादा है। यहां के लोगों को अभी तक एक भी डोज नहीं मिल पाया है।
नैरोबी, एजेंसी। मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों के खतरे के बीच अफ्रीका की सार्वजनिक स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा है उनके यहां के 130 करोड़ लोगों को अभी तक मंकीपॉक्स के खिलाफ वैक्सीन का एक भी डोज नहीं मिल पाया है। लेकिन अच्छी बात यह है कि इस दिशा में दो सहयोगियों के साथ बहुत तेजी से उन्नत बातचीत जारी है।
अफ्रीकी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के कार्यवाहक निदेशक अहमद ओगवेल ने गुरुवार को पत्रकारों से हुई बातचीत के दौरान कहा कि वह इस बारे में ज्यादा खुलासा नहीं कर सकते लेकिन कई संस्थानों और गैर-अफ्रीकी सरकारों के साथ उनकी बातचीत चल रही है।
अहमद ओगवेल ने कहा कि टीके पर किसी प्राइवेट सेक्टर के साथ चर्चा नहीं किया जा रहा है क्योंकि उपलब्ध सभी खुराकें अन्य देशों के द्वारा पहले ही खरीद ली गई है।
गौर करने वाली बात है कि अफ्रीका में इस साल मंकीपॉक्स वायरस के मामले दुनिया के किसी भी अन्य हिस्से के मुकाबले सबसे ज्यादा सामने आए हैं। मई से लगभग 90 देशों में वायरस के 31,000 से अधिक मामले दर्ज हुए हैं।
अफ्रीकी सीडीसी के निदेशक ने कहा, ”इस साल अफ्रीकी महाद्वीप के 11 देशों में मंकीपॉक्स के कम से कम 2,947 मामले सामने आए और कुल 104 मरीजों की मौत हो गई। इसकी वजह यहां लोगों में वायरस का पता लगाने वाले स्वास्थ्य केंद्रों का पर्याप्त संख्या में न होना है। इसके अलावा, वैक्सीन की कमी भी इसके लिए एक प्रमुख कारण है। नतीजतन, 54 अफ्रीकी देश कोरोना के बाद फिर से चुनौतियों का सामना कर रहे हैं क्योंकि एक बार फिर से धनी देशों ने इसे रोकने के साधन पहले से ही अपने पास जुटा लिए हैं।”
गौर करने वाली बात है कि मंकीपॉक्स एक संक्रामक रोग है। यह इससे पीड़ित किसी जानवर या इंसान के शरीर से निकले संक्रमित फ्लूइड के संपर्क में आने, संक्रमित जानवर के काटने, छूने इत्यादि कारणों से फैलता है। खासकर, चूहों, गिलहरियों और बंदरों द्वारा यह अधिक फैलता है। वहीं, मंकीपॉक्स से पीड़ित व्यक्ति के आसपास रखी चीजों को छूने से भी मंकीपॉक्स का खतरा रहता है। इसके अलावा, ऐसे व्यक्ति के साथ शारीरिक संबंध बनाने से भी मंकीपॉक्स होता है, जो पहले से पीड़ित है।
इससे बचाव के लिए सरकारी गाइडलाइंस का पालन करना, संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाना और साफ-सफाई का पर्याप्त ध्यान रखना जरूरी है।