ताइवान में अमेरिकी नेताओं का आना-जाना लगा हुआ है। ताइवान को अपना हिस्सा मानने वाले चीन को अमेरिका का ऐसा करना रास नहीं आ रहा है। अपना गुस्सा जाहिर करने के लिए उसने ताइवान की सीमा के आसपास सैन्य अभ्यास करना जारी रखा है।
बीजिंग, एजेंसी। चीन ने हाल ही में ताइवान के पास सैन्य अभ्यास किया। चीन के सरकारी समाचार चैनल सीसीटीवी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। चीनी सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की वेस्टर्न थिएटर कमांड के हवाले से सीसीटीवी ने कहा है कि यह अभ्यास एक नियमित सैन्य अभियान का हिस्सा हैं। इसके पीछे मकसद ताइवान में उभर रही नई स्थिति के जवाब में खुद को तैयार करना है।
चीन दरअसल अमेरिकी हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी की यात्रा के बाद से भड़क गया है। इतना ही नहीं, नैंसी के बाद अमेरिका के सीनेटर एड मार्के के नेतृत्व में पांच अमेरिकी सांसदों ताइवान पहुंच गए, चीन को यह भी रास नहीं आया। इसके बाद अमेरिकी राज्य इंडियाना के गर्वनर इरिक होलकांब ताइवान के दौरे पर पहुंचे जिससे चीन का पारा और बढ़ गया।
इतना ही नहीं, होलकोंब ने यहां ताइवान और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार और वैज्ञानिक व अनुसंधान के क्षेत्र में सहयोग अधिक बढ़ाने के लिए ताइवान में आर्थिक मामलों के मंत्रालय के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर भी किए। इस बीच, अब गुरुवार देर रात को अमेरिकी सांसद मार्शा ब्लैकबर्न के ताइपे पहुंचकर राष्ट्रपति त्साई इंग वेन से मुलाकात करने की बातें सामने आ रही हैं।
मालूम हो कि ताइवान 1949 से खुद को एक स्वतंत्र देश मानता है, लेकिन चीन इस स्वशासित द्वीप को अपना हिस्सा समझता है। चीन का कहना है कि इस मामले में किसी और देश का हस्तक्षेप संप्रभुता के खिलाफ है।
एक तरफ जहां चीन के लड़ाकू विमान और जहाज ताइवान की सीमा और ताइवान जलडमरूमध्य की मध्य रेखा के आसपास मंडरा रहे हैं, वहीं अब ताइवान भी मुकाबले के लिए तैयार है।
चीन को धूल चटाने के लिए ताइवान अपने बेड़े में कई घातक लड़ाकू विमान और बड़े हथियार समेत अन्य उपकरण शामिल करने जा रहा है।
अब देखने वाली बात है आगे यह मामला कौन सा रूख लेता है और जीत किसकी तय होती है।