केंद्र सरकार ने कहा- अभी तक राज्यों को दी गईं 201.36 करोड़ से अधिक कोरोना वैक्सीन

कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 201.36 करोड़ से अधिक कोरोना वैक्सीन दी है और इनमें से 5.47 करोड़ से अधिक डोज अभी भी उपलब्ध हैं। सरकार वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों से 75 प्रतिशत वैक्सीन राज्यों को दे रही है।

 

नई दिल्ली, एजेंसी। कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 201.36 करोड़ से अधिक कोरोना वैक्सीन दी है और इनमें से 5.47 करोड़ से अधिक डोज अभी भी उपलब्ध हैं। केंद्र सरकार ने यह जानकारी दी है।

राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को दिया जा रहा है वैक्सीन का 75 प्रतिशत हिस्साराष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत भारत सरकार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मुफ्त कोरोना वैक्सीन मुहैया करा रही है। केंद्र सरकार वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों से बनाए जा रहे टीकों का 75 प्रतिशत हिस्सा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को खरीद और मुफ्त आपूर्ति के रूप में दे रही है। मालूम हो कि COVID-19 टीकाकरण अभियान अपने नए चरण में है।

लगातार बढ़ रहा है वैक्सीनेशन का दायराकेंद्र सरकार ने कहा है कि यह राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान की गति को तेज कर रहा है और इसके कारण पूरे देश में कोरोना वैक्सीनेशन का दायरा बढ़ रहा है। राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान की शुरुआत 16 जनवरी से शुरू हुई थी, जिसके बाद अभी तक कोरोना वैक्सीन की 212.75 करोड़ से ज्यादा खुराक दी जा चुकी हैं। COVID-19 के खिलाफ राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान की नई शुरुआत 21 जून 2021 से हुई थी। टीकाकरण अभियान में और अधिक टीकों की उपलब्धता से राज्यों और केंद्र शासति प्रदेशों को उनके द्वारा बेहतर योजना बनाने और वैक्सीन की सप्लाई चैन को बनाए रखने में मदद मिली है।

सरकारी टीकाकरण केंद्रों पर मुफ्त वैक्सीनराष्ट्रव्यापी कोविड टीकाकरण अभियान के तहत बूस्टर डोज को बढ़वा देने के लिए 15 जुलाई 2022 को ‘कोविड वैक्सीन अमृत महोत्सव’ अभियान की शुरुआत की गई थी। इस अभियान के तहत सरकारी कोविड टीकाकरण केंद्रों पर 18 साल या उससे अधिक आयु के व्यक्तियों को मुफ्त बूस्टर डोज उपलब्ध कराई गई थी। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक प्रतिदिन औसतन 22 लाख से अधिक बूस्टर डोज दी गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में बुधवार तक कोरोना के 64,667 सक्रिय मामले थे।

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