इजराइल के शोधकर्ताओं ने एक दवा विकसित करने का दावा किया है जो इम्यून सिस्टम को संशोधित करने में मदद कर सकता है और साइटोकीन को रोक सकता है। साइटोकीन एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर की इम्यून प्रतिक्रिया ओवरड्राइव में चली जाती है और अपने टिशू और अंगों पर हमला करना शुरू कर देती है। कोरोना वायरस के रोगियों में यह साइटोकिन ही है संक्रमण से अधिकांश रोगियों की मृत्यु का कारण बनता है।
अस्थमा की दवा की तरह ही ली जाने वाली दवा को Tel Aviv Sourasky Medical Center–Ichilov Hospital में 35 कोविड-19 रोगियों को अलग-अलग खुराक में दी गई है। शोधकर्ताओं ने कहा कि पांच दिनों तक दवा देने के बाद उनकी ऑक्सीजन सैचुरेशन और रेस्पायरेटरी रेट में सुधार हुआ है।उन्होंने बुधवार को एक ऑनलाइन प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि अंतिम रोगी को दवा दी जाने के बाद भी शोधकर्ता डेटा पब्लिश करेंगे।
गौरतलब है कि कोरोना ने दुनियाभर में जमकर आतंक मचाया। ऐसे में हर दवा उम्मीद बंधा रही है। भारत की बात करें तो 29 जनवरी तक देश में लोगों को टीके की खुराकें देने के मामले में भारत पांचवें स्थान पर है। मंत्रालय ने बताया कि 31 राज्यों और केन्द्र शासित क्षेत्रों में उपचाराधीन मामलों की संख्या 5000 से कम है। अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह में उपचाराधीन मामलों की संख्या चार है, वहीं दमन और द्वीव तथा दादर और नगर हवेली में छह है। कोविड-19 के 79.69 प्रतिशत उपचाराधीन मामले पांच राज्यों और केन्द्र शासित क्षेत्रों से हैं। मंत्रालय ने कहा, दो राज्यों केरल और महाराष्ट्र में देश के कुल उपचाराधीन मामलों के 69.41 प्रतिशत मामले हैं।