लखनऊ में बढ़ रहा प्रदूषण का स्‍तर, लालबाग और तालकटोरा सबसे प्रदूष‍ित

लखनऊ में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए प्रदूषण न‍ियंत्रण बोर्ड ने फैक्ट्रियों को नोटिस भेजा है। एक्यूआइ बढ़ा तो बंद करनी होगी फैक्ट्री। नादरगंज की 14 तालकटोरा की आठ और चिनहट की नौ फैक्ट्रियों को नोटिस।

 

लखनऊ, सुबह के समय धुंध छाई रही और हल्की हवा से सिहरन भी रही। मौसम विभाग के अनुसार, अगले तीन दिनों तक तापमान में गिरावट होगी उसके बाद बढ़ोतरी हो सकती है। इन सबके साथ वायु प्रदूषण के स्तर में भी राजधानी में दिन-ब-दिन बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। इसके चलते केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कुछ सख्त कदम उठाए हैं। चिनहट, अमौसी और तालकटोरा क्षेत्र में संचालित 31 फैक्ट्रियों और औद्योगिक इकाइयों को नोटिस भेजा गया है।

 

राजधानी में वायु गुणवत्ता की बात की जाए तो प्रदूषण का स्तर दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार को लखनऊ का एक्यूआइ 260 पर और गुरुवार को यह 236 पर था। लगातार बढ़ता प्रदूषण स्तर चेतावनी का संकेत है। वायु गुणवत्ता की स्थिति को जानने के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से राजधानी में लालबाग, गोमती नगर, अलीगंज, रायबरेली रोड, कुकरैल पिकनिक स्पाट-1 और तालकटोरा में मापक यंत्र लगाए हैं।

कहांं क‍ितना है प्रदूषण  (दोपहर 12 बजे)

  • क्षेत्र                      एक्‍यूआई  
  • लालबाग                   234
  • गोमतीनगर               168
  • सेन्‍ट्रल स्‍कूल             177
  • प‍िकन‍िक स्‍पाट         196
  • तालकटोरा               292
  • अंबेडकर यून‍िवर्स‍िटी  168

लगातार बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए तीन नवंबर को नादरगंज की 14, तालकटोरा की आठ और चिनहट की नौ फैक्ट्रियों समेत 31 फैक्ट्रियों को नोटिस भेजा गया है। नोटिस में बताया गया है कि एक्यूआइ बढ़ने का प्रमुख स्रोत वायु प्रदूषणकारी गतिविधियां हैं। एक्यूआइ का स्तर बढ़ने पर जनसामान्य के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। ऐसे में यदि एक्यूआइ का स्तर औद्योगिक क्षेत्रों में बढ़ेगा तो इसके नियंत्रित होने तक फैक्ट्री बंद रखनी होगी।

औद्योगिक इकाइयों को करना होगा इसका पालन उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी यूसी शुक्ला के अनुसार वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए औद्योगिक इकाइयों को कुछ बिंदुओं पर व्यवस्था सुदृढ़ करने को कहा गया है। इनमें उद्योग परिसर में हाउसकीपिंग, कच्चे माल उत्पाद की लोडिंग और अनलोडिंग को खुले में न करने, वायु प्रदूषण के नियंत्रण की व्यवस्था, चिमनी से गैसों के उत्सर्जन की आख्या सुनिश्चित करवाना, फैक्ट्री के आसपास जल का छिड़काव, स्वीपिंग और चिमनी और वायु प्रदूषण के स्रोत के आसपास पीटीजेड कैमरा स्थापित करें ताकि राज्य बोर्ड के सर्वर से उसे कनेक्ट करने जैसे बिंदु शामिल हैं।  क्षेत्रीय अधिकारी के अनुसार यदि इन बिंदुओं पर मानक अनुसार आख्या एक सप्ताह के अंदर औद्योगिक इकाइयां उपलब्ध नहीं करवाती हैं तो उन पर विधिक कार्यवाही की जाएगी।

 

हवा में प्रदूषण का आकलनइनमें दर्ज अंको के आधार पर हवा में प्रदूषण का आकलन किया जाता है। इन अंकों के अनुसार, शून्य से 50 बीच वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) को ‘अच्छा’, 51 से 100 को ‘संतोषजनक’, 101 से 200 को ‘मध्यम’, 200 से 300 को ‘खराब’, 301 से 400 को ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 को ‘गंभीर’ माना जाता है। राजधानी में प्रदूषण के इस स्तर को खराब की श्रेणी में रखा गया है। इसमें खुली हवा में अधिक समय तक रहने वाले लोगों को सांस संबंधी परेशानी हो सकती है। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को आंखों में जलन, खांसी समेत कई अन्य परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में घर से बाहर निकलते समय मास्क जरूर लगाएं और फुल आस्तीन के कपड़े पहनें।

सुबह हो रही स‍िहरन आंचलिक मौसम विज्ञान विभाग के प्रमुख एम दानिश के अनुसार, मौसम में अगले तीन दिनों तक अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज होगी। हालांकि उसके बाद एक से दो डिग्री तक की बढ़ोतरी दर्ज हो सकती है। वहीं, सुबह के समय कोहरे और रात के समय हवाओं के चलने से सिहरन भी होगी। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दिन भर हल्के से मध्यम कोहरा रह सकता है। वहीं पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों में हल्का कोहरा रहेगा।

 

शुक्रवार को राजधानी का अधिकतम तापमान 29.2 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस पर दर्ज हुआ। वहीं, प्रदेश भर में तापमान 30 डिग्री के आसपास ही रहा। सबसे अधिक तापमान कानपुर में 31.1 डिग्री और वाराणसी में 30.8 डिग्री सेल्सियस पर दर्ज हुआ। वहीं, न्यूनतम तापमान में भी अब गिरावट दर्ज की जा रही है। सबसे कम तापमान लखीमपुर खीरी में 13 डिग्री सेल्सियस और नजीबाबाद और मेरठ में 14.4 डिग्री सेल्सियस पर दर्ज किया गया।

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