दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को हाईकोर्ट को बताया कि कोरोना महामारी से जुड़े दिशानिर्देशों की अनदेखी कर तबलीगी जमात (Tablighi Jamaat) में शामिल होने वाले विदेशी नागरिकों को अपने घरों में रखने वाले लोगों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया है। दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट को यह जानकारी दो भारतीय नागरिकों की याचिका के जवाब में दी है।
फिरोज सिद्दीकी और रिजवान ने जमात में शामिल होने आए कुछ विदेशी नागरिकों को अपने घरों में रखा था। याचिका में सिद्दीकी और रिजवान ने दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज मुकदमा को खारिज करने की मांग की है। जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने अब इस मामले की सुनवाई 8 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया है। उस दिन इसी तरह के अन्य याचिकाएं भी सूचीबद्ध हैं।
67 देशों के 2041 जमाती आए थे
क्राइम ब्रांच की जांच में खुलासा हुआ था कि निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात के मरकज में चीन समेत 67 देशों से 2041 विदेशी आए थे। इनमें से इंडोनेशिया के 553, बांग्लादेश के 497, थाईलैंड के 151, किरगिस्तान के 145 और मलेशिया के 118 लोग शामिल हैं। इसके अलावा अन्य 62 देशों से 577 लोग शामिल थे।
इस मामले में निजामुद्दीन थाना प्रभारी की शिकायत पर 31 मार्च 2020 को क्राइम ब्रांच थाने में निजामुद्दी मरकज के मुखिया मौलाना साद के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। पुलिस ने कहा कि शुरू में कार्यक्रम के आयोजन को लेकर उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। हालांकि, बाद में तबलीगी जमात कार्यक्रम में शामिल कई लोगों की के कारण मौत हो जाने के बाद उनके खिलाफ एफआईआर में आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) शामिल की गई थी। इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले कुछ विदेशियों के खिलाफ वीजा नियमों के उल्लंघन के लिए मामला दर्ज किया गया था।
तबलीगी जमात घटना के खिलाफ दर्ज एफआईआर में कहा गया कि दिल्ली पुलिस ने 21 मार्च को निजामुद्दीन मरकज के अधिकारियों से संपर्क किया और उन्हें सरकार के उस आदेश की याद दिलाई जिसमें किसी भी राजनीतिक या धार्मिक आयोजन में 50 से अधिक लोगों के शामिल होने पर रोक लगाई गई थी। इसमें कहा गया कि बार-बार के प्रयासों के बावजूद, कार्यक्रम के आयोजकों ने स्वास्थ्य विभाग या किसी अन्य सरकारी एजेंसी को इस संबंध में सूचना नहीं दी और जानबूझकर सरकारी आदेशों की अवहेलना की। इस कार्यक्रम में हजारों लोगों ने भाग लिया था और उनमें से कई लोगों के जरिये कोरोना वायरस का संक्रमण अन्य लोगों तक फैला।