नए साल में मुनाफे वाले आईपीओ में हर निवेशक पैसा लगाना चाहता है। साह पॉलीमर्स का इनिशियल पब्लिक ऑफर खुलने के दूसरे दिन ही भर गया है। निवेशकों को इससे तगड़े मुनाफे की उम्मीद है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क । साह पॉलीमर्स का इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) इश्यू के दूसरे दिन पूरी तरह सब्सक्राइब हो गया। सब्सक्रिप्शन शुक्रवार, 30 दिसंबर, 2022 को खोला गया। 31 दिसंबर और 1 जनवरी को बाजार बंद होने के कारण कोई कारोबार नहीं हुआ, लेकिन आज यह इश्यू पूरी तरह सब्सक्राइब हो गया।
साह पॉलीमर्स के शेयरों का प्राइज बैंड 61 से 65 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है। सोमवार को सुबह 11 बजे तक ये ऑफर 1.16 गुना सब्सक्राइब हो चुका था। बीएसई लिस्टिंग के मुताबिक, इसे खुदरा श्रेणी में 3.48 गुना, एनआईआई 1.16 गुना, क्यूआईबी 0.38 गुना सब्स्क्राइब किया जा चुका था।
तगड़ी डिमांड में है ये शेयरबाजार पर्यवेक्षकों के अनुसार, साह पॉलिमर के शेयरों की मार्केट में मजबूत मांग बनी हुई है। कंपनी के शेयरों के गुरुवार, 12 जनवरी, 2023 को प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज बीएसई और एनएसई पर सूचीबद्ध होने की उम्मीद है। साह पॉलीमर्स आईपीओ में 1,02,00,000 इक्विटी शेयरों का इश्यू है, जिसमें बिक्री (ओएफएस) के लिए कोई प्रस्ताव नहीं है। सत इंडस्ट्रीज, जो प्रमोटर भी है, कंपनी में 91.79% हिस्सेदारी रखती है।
आपको बता दें कि बाजार के जानकार इस आईपीओ को सब्सक्राइब रेटिंग दे रहे हैं।
क्या है कंपनी का पोर्टफोलियोकंपनी के पास मजबूत ग्राहक आधार के साथ विविध उत्पाद पोर्टफोलियो है। इसके अलावा कंपनी की भविष्य की विकास क्षमता को देखते हुए ज्यादातर शेयर सलाहकार इसके भविष्य के प्रति आशान्वित नजर आते हैं। कंपनी ने फ्लेक्सिबल इंटरमीडिएट बल्क कंटेनर (एफआईबीसी) के निर्माण के लिए एक नई मैन्युफैकचरिंग फैसिलिटी की स्थापना के इस आय का उपयोग करने का प्रस्ताव किया है। इसके अलावा आईपीओ से मिले धन का उपयोग पूर्ण या आंशिक रूप से सुरक्षित और असुरक्षित उधारों केपुनर्भुगतान/पूर्व भुगतान और सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्य के लिए कार्यशील पूंजी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किया जाएगा।
क्या करती है ये कंपनीउदयपुर स्थित ये कंपनी मुख्य रूप से पॉलीप्रोपाइलीन (पीपी) हाई डेंसिटी पॉलीथीन (एचडीपीई) एफआईबीसी बैग, बुने हुए बोरे, एचडीपीई/पीपी बुने हुए कपड़े और बुने हुए बहुलक आधारित उत्पादों के निर्माण और बिक्री में लगी हुई है। कंपनी घरेलू बाजार के लिए 6 राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेश में कारोबार करती है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अफ्रीका, मध्य पूर्व, यूरोप, यूएसए, ऑस्ट्रेलिया और कैरेबियन द्वीप समूह में इसकी उपस्थिति है।