यूपी में वैक्सीन के आभाव में टीकाकरण केंद्र आधे से भी कम रह गए हैं। इसके बावजूद प्रदेश के 179 टीकाकरण केंद्रों पर प्रतिदिन दो हजार टीके लग रहे हैं। जल्द ही यूपी को 10 लाख वैक्सीन मिलने की उम्मीद है। जिसके बाद टीकाकरण में तेजी आएगी।
लखनऊ, यूपी में कोरोना से बचाव के लिए चलाए जा रहे टीकाकरण अभियान की रफ्तार काफी धीमी है। टीकाकरण केंद्रों पर वैक्सीन न होने के अभाव में लोग वापस लौट रहे हैं। हफ्ते भर पहले जहां एक दिन में साढ़े तीन सौ से अधिक केंद्र बनाए जा रहे थे, वहीं अब 179 टीकाकरण केंद्रों पर ही वैक्सीन लग रही है। पहले जहां एक दिन में पांच हजार टीके लग रहे थे, वहीं अब बामुश्किल दो हजार लोगों को ही वैक्सीन लग पा रही है।
प्रदेश में अभी तक 17.69 करोड़ लोगों ने टीके की पहली, 16.88 करोड़ लोगों ने टीके की दूसरी और 4.48 करोड़ लोगों ने सतर्कता (प्रीकाशन) डोज लगवाई है। यानी 30 प्रतिशत लोगों ने ही सतर्कता डोज लगवाई है। चीन सहित दूसरे देशों में फिर से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए लोग वैक्सीन लगवाने के लिए टीकाकरण केंद्रों पर फिर से पहुंच रहे हैं। करीब ढाई महीने पहले जब डेढ़ हजार टीकाकरण केंद्र बनाए जा रहे थे तब इक्का-दुक्का लोग ही वैक्सीन लगवाने पहुंच रहे थे। ऐसे में टीकाकरण केंद्रों की संख्या घटाकर 500 कर दी गई, मगर दिसंबर के तीसरे हफ्ते से फिर मांग बढ़ गई। फिलहाल वैक्सीन कम होने के कारण टीके नहीं लग पा रहे हैं।
अभी करीब सवा लाख वैक्सीन की उपलब्धता है। ऐसे में केंद्रों की संख्या घटा दी गई है। उधर केंद्र सरकार ने छोटे राज्यों से बची वैक्सीन को उत्तर प्रदेश को देने का निर्णय लिया है। ऐसे में 10 लाख टीके एक-दो दिन में मिल जाएंगे तब टीकाकरण केंद्रों की संख्या बढ़ेगी। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के निर्देश पर पहले ही केंद्र से टीके की मांग की जा चुकी है। यह 10 लाख टीके अतिरिक्त मिल रहे हैं। फिलहाल इनका बेसब्री से इंतजार है, क्योंकि वैक्सीन न होने के कारण टीकाकरण केंद्रों से लोग लौट रहे हैं।