चांदनी चौक के अस्थायी हनुमान मंदिर की अड़चन होगी दूर? सदन में प्रस्ताव लाएगा उत्तरी निगम

उत्तरी दिल्ली नगर निगम (NDMC) के महापौर जय प्रकाश ने कहा कि सोमवार को उत्तरी निगम के अधिकारियों और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की उच्च स्तरीय बैठक हुई और यह निर्णय लिया गया कि चांदनी चौक में बनाए गए हनुमान मंदिर को वैध दर्जा दिलाने के लिए सदन में प्रस्ताव लाया जाएगा।

उत्तरी दिल्ली नगर निगम के सदन की बैठक गुरुवार को होने वाली है। जय प्रकाश ने कहा कि बैठक में निर्णय लिया गया कि ढांचे को वैध दर्जा देने के लिए उत्तरी निगम के आगामी सदन में मसौदा प्रस्ताव लाया जाएगा और इसके लिए काम शुरू होना चाहिए।

महापौर के अलावा, एनडीएमसी के उपमहापौर, स्थायी समिति के अध्यक्ष, सहायक आयुक्त और मुख्य विधिक अधिकारी बैठक में मौजूद थे। महापौर ने कहा कि लेकिन सदन की बैठक से पहले हम एनडीएमसी में अन्य पार्टियों- कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के सदस्यों के साथ भी बैठक करना चाहते हैं ताकि सर्वसम्मति बन सके। जय प्रकाश ने रविवार को कहा था कि नगर निगम, चांदनी चौक पर अस्थायी रूप से बनाए गए हनुमान मंदिर को वैध दर्जा दिलाने के तरीकों पर विचार करेगा।

गौरतलब है कि दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर इस साल जनवरी में चांदनी चौक इलाके में तोड़े गए 50 साल पुराने हनुमान मंदिर का निर्माण स्थानीय लोगों ने बीते गुरुवार रात अचानक कर दिया। रातों-रात बने इस मंदिर में शुक्रवार सुबह पूजा-आरती की गई। मंदिर में स्थानीय लोगों ने वही मूर्ति रखी है, जो पहले हटाई गई थी। उत्तरी निगम के स्टोर से गुरुवार रात को ही मूर्ति लाई गई और इसके बाद मंदिर का निर्माण कर दिया गया। निर्माण के बाद उत्तरी निगम के महापौर जयप्रकाश ने सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ मौके पर पहुंचकर मंदिर में प्रसाद चढ़ाया था।

लोहे और स्टील से किया निर्माण

स्थानीय लोगों ने गुरुवार को रातभर में स्टील और लोहे से हनुमान मंदिर का निर्माण कर दिया। इस दौरान पुलिस प्रशासन के साथ स्थानीय निकाय को भी इसकी भनक नहीं लगी। शुक्रवार सुबह मंदिर पहुंचे लोगों ने पहले दर्शन-पूजन किए और फिर जय श्री राम और बजरंग बली के नारे लगाए।

पुलिस ने पुजारी से की पूछताछ

मंदिर निर्माण की जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंची दिल्ली पुलिस ने महंत से कई सवाल पूछे। पुलिस ने जानना चाहा कि मंदिर कब बना, किसने बनाया। जमीन पीडब्ल्यूडी की है तो क्या उससे इजाजत ली गई, क्या महंत यहां पूजा करने के लिए तैयार हैं। यह भी बताया कि यहां मंदिर निर्माण अदालत के आदेश की अवमानना है। इस पर महंत ने कहा कि जनता ने बनाया है। जनता ने ही आरती की। यह भी कहा कि किससे इजाजत ली यह तो जनता ही बताएगी, लेकिन सेंट्रल वर्ज पर मंदिर बन जाने से कोई यातायात प्रभावित नहीं होगा।

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