मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने विधान सभा के चुनाव से पहले डबल इंजन की ताकत दिखाने के लिए खुद मोर्चा संभाल लिया है। अपने तीन दिन के दिल्ली दौरे पर वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर केंद्र के सात कद्दावर मंत्रियों से मुलाकात कर राज्य को कई योजनाओं की सौगात राज्य को दिला चुके हैं। तीन दिन के दिल्ली दौरे में मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, रेल मंत्री पीयूष गोयल, शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी से मुलाकात के दौरान न केवल राज्य के मुद्दे मजबूती से उठाए, बल्कि वे उत्तराखंड के लिहाज से कई अहम योजनाओं को मंजूरी दिलाने में भी सफल हुए हैं।
मुख्यमंत्री ने जिस तरह राज्य के गांवों को नेट से जोड़ने, सड़क, रेल परियोजनाओं, केंद्रीय सहायता के मुद्दे उठाए और मंत्रियों ने जो सकारात्मक रिस्पांस दिया, माना जा रहा है कि, भाजपा आगामी विधानसभा चुनाव सीएम त्रिवेंद्र की सरपरस्ती में ही लड़ने जा रहा है। चुनावी साल में सीएम की सक्रियता का आलम यह है कि, दिल्ली दौरे से लौटने के तुरंत बाद सीएम बुधवार को नानकमत्ता (यूएसनगर) में एक निजी कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। 27 फरवरी के वे नैनीताल में विकास योजनाओं को शिलान्यास करने के बाद रानीखेत में प्रवास करेंगे और फिर अगले दिन गैरसैंण के लिए रवाना होंगे।
गैरसैंण में एक से 10 मार्च से विधानसभा का बजट सत्र शुरू होने जा रहा है। चार मार्च को सीएम सदन में बजट पेश करेंगे। चुनावी साल के मद्देनजर इस बजट को लोकलुभावना माना जा रहा है। सत्र खत्म होने के बाद ही वे राजधानी दून पहुंचेंगे। सीएम त्रिवेंद्र के पिछले एक माह के कार्यक्रमों पर नजर डाले तो उनका राजधानी के बजाय अब जिलों के दौरों पर फोकस रहा है। कोरोना महामारी का संक्रमण कुछ हद तक कम होने के बाद वे अल्मोड़ा, नैनीताल, चमोली, रुद्रप्रयाग और पौड़ी में प्रवास कर चुके हैं, वहीं, उत्तरकाशी और देहरादून के सुदूर क्षेत्र क्रमश: मोरी व त्यूणी में करोड़ों के विकास कार्यों का शिलान्यास व लोकापर्ण भी इस बीच कर चुके हैं। मुख्यमंत्री सचिवालय बजट सत्र खत्म होने के बाद सीएम के अन्य जिलों के दौरे के कार्यक्रम तय करने जा रहा है।