साइबर अपराधियों द्वारा झारखंड के पूर्व राज्यपाल और यूपी के पूर्व कैबिनेट सचिव प्रभात कुमार की ई-मेल आईडी हैक करने का मामला सामने आया है। आरोपी ई-मेल आईडी का पासवर्ड बदलकर पूर्व राज्यपाल के परिचितों से रुपये मांग रहे हैं। इस संबंध में पीड़ित ने सेक्टर-39 थाने में अज्ञात के खिलाफ आईटी एक्ट सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज कराया है।
पुलिस को दी गई शिकायत में झारखंड के पूर्व गवर्नर प्रभात कुमार ने बताया कि वह सेक्टर-39 में रहते हैं। उनकी हॉटमेल पर निजी ई-मेल आईडी है। साइबर अपराधियों ने उनकी ई-मेल आईडी हैक कर ली है। इसके बारे में उन्हें 22 फरवरी को पता चला। जब उन्होंने अपनी ई-मेल आईडी का पासवर्ड डाला तो वह उसे एक्सेस नहीं कर पाए। इसके बाद पीड़ित ने पुलिस को शिकायत दी। पुलिस ने शिकायत के आधार पर केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
पूर्व राज्यपाल ने आशंका जताई है कि साइबर अपराधी उनकी ई-मेल आईडी का राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में भी इस्तेमाल कर सकते हैं। अपराधी लगातार पीड़ित के परिचितों को ई-मेल भी भेज रहे हैं। इसके चलते पीड़ित ने पुलिस से मांग की है कि जल्द से जल्द उनकी आईडी को ब्लॉक कराया जाए ताकि किसी अनहोनी से बचा जा सके।
पीड़ित का कहना है कि अपराधी उनकी आईडी का इस्तेमाल कर उनके परिचितों के पास ई-मेल करके रुपये मांग रहे हैं। आरोपी किसी से एक लाख मांगते हैं तो किसी ने 50 हजार। इसके लिए आरोपी अलग-अलग बहाने बना रहे हैं। जब पीड़ित के परिचितों ने उनसे संपर्क किया तो फर्जीवाड़े के बारे में जानकारी मिली। डीसीपी राजेश एस ने बताया कि पुलिस की साइबर सेल ने मामले की जांच शुरू कर दी है। ई-मेल आईडी हैक करके ठगी करने और पैसे की मांगने के मामले नोएडा में पहले भी सामने आ चुके हैं।
प्रभात कुमार मूलरूप से यूपी के प्रयागराज के रहने वाले हैं। वह 1963 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उत्तर प्रदेश में वर्ष 1998 से 2000 तक कैबिनेट सचिव रहे। इसके बाद नवंबर 2000 में जब झारखंड नया राज्य बना था तो वह प्रदेश के पहले राज्यपाल बने थे। वह 2 फरवरी 2002 तक झारखंड के राज्यपाल रहे थे।
इस बात का ध्यान रखें
ई-मेल आईडी को हैक होने से बचाने के लिए साइबर एक्सपर्ट के माध्यम से पुलिस कई बार सुझाव जारी करा चुकी है। इसमें सबसे प्रमुख है कि कई बार स्कैम ई-मेल का एड्रेस कंपनी के असल ई-मेल एड्रेस के समान होता है। इनकी स्पेलिंग में मामूली अंतर होता है, जिसको पहचानना आसान नहीं होता है। धोखाधड़ी करने वाला व्यक्ति कई बार ऐसा करके लोगों को आसानी से अपने चुंगल में फंसा लेता है, इसलिए किसी भी विश्वसनीय वेबसाइट से ई-मेल आने पर इसके सेंडर एड्रेस की जांच करें।
ऐसे भी करें फर्जी ईमेल की पहचान
कई बार स्कैम ई-मेल गैर-अंग्रेजी बोलने वाले देशों से आते हैं और उन्हें लिखने वाले लोगों को अंग्रेजी भाषा पर मजबूत पकड़ नहीं होती। यदि ई-मेल में गलत काल का उपयोग किया गया हो या वाक्यों में गड़बड़ी हो तो यह स्कैम ई-मेल हो सकता है। इससे सचेत रहने की आवश्यकता है। इसके अलावा आरोपी ई-मेल आईडी हैक करके बैंक खातों की जानकारी शेयर करने पर बड़ी धनराशि भेजने का वादा करते हैं। फिर पीड़ित के खातों से रकम निकाल लेते हैं। इसके अलावा ई-मेल में फर्जी लिंक भेजकर भी ठगी की जाती है। यदि आपको किसी ई-मेल पर संदेह है, तो आपको संबंधित कंपनी से संपर्क कर शिकायत करनी चाहिए।