मुख्य विकास अधिकारी की उपस्थिति में संपन्न हुआ तहसील संपूर्ण समाधान दिवस।


एक पेड़ मां के नाम कार्यक्रम के तहत तहसील परिसर में किया गया वृक्षारोपण। संपूर्ण समाधान दिवस में कुल 281 मामले आए जिसमें से 11 मामलों का मौके पर ही हुआ निस्तारण। पीड़ित ने शिकायती पत्र देते हुए लेखपाल पर लगाया सांठ-गांठ करने का आरोप।

आवाज़ –ए– लखनऊ ~ संवाददाता – महेन्द्र कुमार 

हसनगंज (उन्नाव)- तहसील संपूर्ण समाधान दिवस में दूर दराज से आए हुए फरियादियों की मुख्य विकास अधिकारी प्रेम शंकर मीणा व हसनगंज उपजिलाअधिकारी रामदेव निषाद एवं हसनगंज क्षेत्राधिकार संतोष सिंह ने सुनी फरियादे। तहसील समाधान दिवस में कुल 281 मामले आए जिसमें राजस्व के 107 पुलिस विभाग से संबंधित 41 विकास संबंधी 43 अन्य 50 जिसमें से 11 मामलों का मौके पर ही हुआ निस्तारण।

तहसील परिसर में ही मुख्य विकास अधिकारी व क्षेत्राधिकारी एवं उपजिलाधिकारी हसनगंज ने एक पेड़ मां के नाम कार्यक्रम के तहत लगाए पौधे व आम जनमानस को पेड़ लगाने की दी राय कहा हमें हमारा कल यदि बेहतर बनाना है तो आज ही पेड़ लगाना होगा जितने अधिक वृक्ष लगाओगे उतना ही अच्छा वातावरण मिलेगा क्योंकि पेड़ों के बिना जीवन ही संभव नहीं है।
वहीं गीता पत्नी कृष्ण पाल निवासी भवानी खेड़ा माजरा चंदौली परगना मोहान ने न्याय की गुहार लगाते हुए भूमि संख्या-544 जो की राजकीय अभिलेखों में ग्राम सभा की जमीन अंकित है जहां मौके पर घर का पानी बहने को लेकर विपक्षी अनीता पत्नी शिवनंदन आदि लोगों ने घर का पानी बहाने पर रोक लगा दी है व मार-पीट पर आमादा हो गए हैं उचित न्याय दिलाने की हसनगंज उपजिलाधिकारी से लगाई न्याय की गुहार।

वहीं छोटेलाल पुत्र जमुना निवासी बड़ा मरहा ने तहसील समाधान दिवस में लिखित शिकायती पत्र देते हुए क्षेत्रीय लेखपाल पर आरोप लगाते हुए बताया कि लेखपाल की सांठ-गांठ के चलते उचित न्याय नहीं हो पा रहा पीड़ित से मिली जानकारी के अनुसार इसके पूर्व में भी शिकायती पत्र दिया था जिसमें उपजिलाधिकारी के आदेश की अवहेलना करते नजर आ रहे हैं क्षेत्रीय लेखपाल।

हमारे संवाददाता के द्वारा क्षेत्रीय लेखपाल से जानकारी करने पर लेखपाल ने बताया मौके पर मै गया था वह जमीन राजकीय अभिलेखों में ग्राम सभा की जमीन अंकित है गांव के लोगों ने अपने घर बनाए हुए अपना जीवन यापन कर रहे हैं जो कि अनुसूचित जाति के लोगों का ही जमीन पर कब्जा है । प्रार्थी का घर इसी भूमि संख्या में बना है। मामले के अतिरिक्त प्रार्थी के द्वारा लगाए गए आरोप असत्य है ।

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