रामनगरी के नाविक न सिर्फ पर्यटकों को नौका भ्रमण कराएंगे बल्कि श्रीराम से जुड़ी कहानियां भी सुनाएंगे। इसके लिए नाविकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। यह पहल पर्यटन विभाग की ओर से शुरू की गई है।
अयोध्या ; रामनगरी के नाविक न सिर्फ पर्यटकों को नौका भ्रमण कराएंगे बल्कि श्रीराम से जुड़ी कहानियां भी सुनाएंगे। इसके लिए नाविकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। यह पहल पर्यटन विभाग की ओर से शुरू की गई है। अयोध्या के 50 से अधिक नाविकों को प्रशिक्षित कर उन्हें अयोध्या के इतिहास, संस्कृति, लोक कथाओं की जानकारी दी जाएगी। इसके लिए छह तीर्थ स्थलों का चयन किया गया है, जिसमें अयोध्या भी शामिल है। पहले चरण में प्रयागराज में नाविकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।अयोध्या के नाविक अब स्टोरी टेलर भी कहलाएंगे।
ये नाविक पर्यटकों व श्रद्धालुओं को अयोध्या से जुड़ी कहानियां रोचक अंदाज में सुनाएंगे। पर्यटकों को यह विशेष अनुभव देने के लिए पर्यटन विभाग ने तैयारी कर ली है। कहानी सुनाने का प्रशिक्षण देने के लिए पर्यटन विभाग ने मान्यवर कांशीराम पर्यटन प्रबंधन संस्थान (एमकेआइटीएम) व बेवजह समिति नामक संस्था के साथ समझौता किया है। प्रशिक्षण के लिए विशेषज्ञों का चयन किया जाएगा। पर्यटक व श्रद्धालु न सिर्फ पर्यटन का आनंद उठाएंगे बल्कि उनका ज्ञानवर्धन भी होगा।साथ ही अयोध्या की संस्कृति, परंपरा व इतिहास भी जान सकेंगे। कहानी सुनाने वालों को पारिश्रमिक भी दिया जाएगा, इससे नाविकों की आय बढ़ेगी। नाविक पर्यटक व श्रद्धालुओं को राम कहानी के अतिरिक्त अयोध्या से जुड़े रोचक किस्से भी सुनाएंगे। जैसे कि अयोध्या की महत्ता क्या है, यहां की प्राचीनता के गवाह मठ-मंदिरों, कुंड, सरोवरों की जानकारी भी नाविक देंगे। इसके अलावा नवनिर्मित राममंदिर के निर्माण की भी कहानी बताई जाएगी। जल्द ही अयोध्या में भी प्रशिक्षण शुरू करने की तैयारी है।
अयोध्या में रोजाना आते हैं एक लाख श्रद्धालु
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या में श्रद्धालुओं व पर्यटकों की संख्या बढ़ी है। प्राण प्रतिष्ठा से पहले अयोध्या में जहां रोजाना 40 से 50 हजार श्रद्धालु आते थे, प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह संख्या दोगुना हो गई है। पर्व व त्योहारों पर डेढ़ से दो लाख श्रद्धालु अयोध्या पहुंचते हैं। अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं व पर्यटकों के लिए सरयू के घाटों का भ्रमण व सरयू स्नान प्राथमिकता में होता है। ऐसे में सरयू तट पर पूजन-अर्चन के साथ श्रद्धालु व पर्यटक राम की गाथा भी जान-समझ सकेंगे।
इन तीर्थस्थलों का हुआ है चयन
अयोध्या, प्रयागराज, मथुरा, बिठूर (कानपुर), चित्रकूट, बटेश्वर (आगरा)
उपनिदेशक पर्यटन आरपी यादव का कहना है कि जिस तरह देश-दुनिया से आने वाले श्रद्धालुओं को गाइड पूरी जानकारी देते हैं, उससे बेहतर ट्रेंड नाविक श्रद्धालुओं को श्रीराम की पूरी कहानी सुनाएंगे। इसके तहत 50 से अधिक नाविकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसका उद्देश्य अयोध्या धाम की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को बढ़ावा देना है।