कोविड-19 टीके (COVID-19 Vaccine) की शीशी एक बार टीकाकरण के लिए खुल जाने के बाद उसे चार घंटे के अंदर पूरी तरह इस्तेमाल करना होगा, अन्यथा बाकी खुराक बेकार चली जाएगी और उसे नष्ट करना होगा। वरिष्ठ डॉक्टरों ने यह जानकारी दी।
ऑक्सफोर्ड के कोविड-19 टीके कोविशील्ड की पहली खेप 12 जनवरी को राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल (आरजीएसएसएच) में पहुंची थी। भारत बायोटेक द्वारा निर्मित कोवैक्सीन टीके की खेप यहां अगले दिन पहुंची थी जिसका इस्तेमाल एम्स और आरएमएल अस्पताल समेत छह जगहों पर किया जा रहा है।
आरजीएसएसएच उन 75 स्थलों में शामिल हैं जहां डॉक्टरों, नर्सों और अन्य लाभार्थियों को कोविशील्ड टीके लगाए जा रहे हैं। अस्पताल की प्रवक्ता छवि गुप्ता ने मंगलवार को कहा कि टीके की पांच मिलीलीटर की प्रत्येक शीशी में कुल 10 खुराक होती हैं और एक बार खुलने के बाद सभी 10 खुराकों को चार घंटे के अंदर इस्तेमाल करना होगा, अन्यथा बाकी खुराक बेकार चली जाएंगी।
दिल्ली में टीके के प्रतिकूल प्रभाव के 16 मामले सामने आए
दिल्ली में टीकाकरण के तीसरे दिन मंगलवार को 4936 स्वास्थ्य कर्मियों को कोविड-19 का टीका लगाया गया, जो पिछले दिन की तुलना में अधिक है। यह जानकारी अधिकारियों की तरफ से साझा किए गए आंकड़ों में सामने आई है। आंकड़ों के मुताबिक, मंगलवार को 10,125 लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य था, लेकिन केवल 48 फीसदी लोगों को टीका लगाया गया।
दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दिल्ली में टीकाकरण अभियान के तीसरे दिन 4936 लोगों को टीका लगाया गया। एईएफआई (टीकाकरण के बाद प्रतिकूल प्रभाव) के 16 मामले सामने आए।
राष्ट्रव्यापी व्यापक टीकाकरण अभियान के तहत शनिवार को पहले दिन महानगर के 81 केंद्रों पर 4319 स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगाया गया, जबकि 8117 लोगों को टीका लगाए जाने का लक्ष्य था। शनिवार को टीकाकरण अभियान के बाद प्रतिकूल प्रभाव का एक गंभीर मामला और 50 मामूली मामले सामने आने के बाद टीका लगवाने वाले लोगों की संख्या में कमी आई है। रविवार को टीकाकरण का कार्यक्रम नहीं था जबकि टीकाकरण के दूसरे दिन सोमवार को 3598 स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाया गया।