विश्व स्वास्थ्य संगठन ने शुक्रवार को आपातकालीन उपयोग के लिए चीन की सिनोफार्मा की कोरोना वैक्सीनको मंजूरी दे दी। डब्ल्यूएचओ की हरी झंडी पाने वाला ये पहला चीनी वैक्सीन है।डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अधनोम घेब्रेयेसस ने दी जानकारी।
जेनेवा, एपी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चीन की सिनोफार्मा की कोरोना वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल को शुक्रवार को मंजूरी दे दी। इस मंजूरी के बाद संयुक्त राष्ट्र समर्थित कार्यक्रम के जरिये जरूरतमंद देशों तक कोरोना रोधी वैक्सीन की डोज पहुंचने की उम्मीद बंध गई है। डब्ल्यूएचओ के तकनीकी परामर्श समूह ने पहली बार चीन की किसी कोरोना रोधी वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दी है।
सिनोफार्मा द्वारा निर्मित वैक्सीन को आने वाले दिनों में संयुक्त राष्ट्र समर्थित कोवैक्स कार्यक्रम में शामिल किया जा सकता है। इसके जरिये गरीब और जरूरतमंद देशों तक कोरोना रोधी वैक्सीन पहुंचाई जा रही है। यूनिसेफ और डब्ल्यूएचओ के अमेरिका स्थित क्षेत्रीय कार्यालय के जरिये भी इसका वितरण किया जा सकता है। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अधनोम घेब्रेयेसस ने कहा कि चीनी वैक्सीन को मिलाकर अब तक छह कोरोना रोधी वैक्सीन को एजेंसी से मंजूरी मिल दी जा चुकी है।
अब राह चलते वैक्सीन लगवा सकेंगे अमेरिकी
अमेरिका में कोरोना टीकाकरण कार्यक्रम को और तेज किया जा रहा है। अमेरिका में अब कोई भी राह चलते आसानी से टीका लगवा सकता है। इसके लिए हजारों फार्मेसी और मोबाइल क्लीनिक की व्यवस्था की गई है। यह कदम कोरोना महामारी के खिलाफ टीकाकरण अभियान में तेजी लाने के लिए उठाया गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने गत हफ्ते टीकाकरण को बढ़ावा देने के लिए इस सुविधा का एलान किया था।
उन्होंने कहा था, ‘हम टीकाकरण को आसान बनाने जा रहे हैं।’ बाइडन ने यह एलान ऐसे समय किया, जब अमेरिका में टीकाकरण अभियान की गति कुछ धीमी पड़ने लगी थी। देश में अब तक करीब 15 करोड़ लोगों का टीकाकरण हो चुका है। दुनिया में कोरोना के कहर से सबसे ज्यादा जूझने वाले अमेरिका में नए मामलों में काफी गिरावट आ गई है। यहां अब तक कुल तीन करोड़ 33 लाख से अधिक मामले पाए गए हैं। जबकि पांच लाख 94 हजार मरीजों की मौत हुई है।