भारत और पाकिस्तान के बीच करगिल युद्ध को हुए 20 साल से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद करगिल बहुत बदल गया है। अब यह नए-नवेले केंद्रीय प्रशासित प्रदेश लद्दाख का हिस्सा है। अब करगिल अपनी पुरानी संघर्ष की दास्तां, बारूदी सुरंगों के अतीत से बाहर निकलकर एक नई पहचान बनाने को तैयार है और यह पहचान है एक पर्यटक स्थल की।
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने रविवार को बताया कि केंद्र लद्दाख के कारगिल जिले में अंतरराष्ट्रीय स्तर के बुनियादी ढांचे को बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।यहां लिंकपाल स्की स्लोप्स की अपनी यात्रा के दौरान पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन क्षेत्रों में साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने की योजना बनाई है जिनमें बहुत अधिक संभावनाएं हैं लेकिन विभिन्न कारणों से अस्पष्ट बने हुए हैं। पर्यटन मंत्री ने कहा कि कारगिल उनमें से एक है।
उन्होंने कहा, ‘भारत सरकार पूरी तरह से जिले में अंतरराष्ट्रीय स्तर के पर्यटन बुनियादी ढांचे का निर्माण करने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि पर्यटन और रोजगार के अवसरों के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाया जा सके।’ उन्होंने कहा, ‘2019 में लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद, उन्होंने पर्यटन और संस्कृति मंत्रालय की एक उच्च-स्तरीय टीम के साथ कारगिल और लेह की पहाड़ी परिषदों के साथ बैठक करने और विकास के लिए योजनाओं को तैयार करने के लिए लद्दाख का दौरा किया।’
उन्होंने कहा,‘गृह मंत्रालय ने साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए देशी और विदेशी पर्यटकों के लिए देश में पर्वतारोहण के लिए 100 से अधिक शिखर खोले हैं, जिसमें कारगिल जिले की कई चोटियां भी शामिल हैं।’
मंत्री ने कहा कि यहां लोगों को प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता देने के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी और पर्यटकों की सेवा के लिए कुशल जनशक्ति बनाने के लिए उन्हें पर्याप्त रूप से सशक्त बनाया जाएगा। उन्होंने कहा,‘इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए नियमित प्रशिक्षण और पुनश्चर्या पाठ्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा जो गुणवत्तापूर्ण पर्यटन की दिशा में एक सही कदम साबित होगा।’