ज्वैलर्स के यहां गुप्त सुरंग से मिले कोड को डिकोड करने में जुटा आयकर विभाग, 2000 करोड़ से अधिक अघोषित आय का हो सकता है खुलासा

राजस्थान की सबसे बड़ी इनकम टैक्स रेड में राजधानी में अब भी जारी है। सिल्वर आर्ट ग्रुप की गुप्त सुरंग में बहुत सी बेनामी संपत्ति के ढेरों सबूत हाथ लगे हैं।  फिलहाल आयकर विभाग के अफसर उस कोड वर्ड डिकोड करने में जुटे हैं, जिसमें दस्तावेजों और एंटीक सामग्री के साथ कोड वर्ड में लेनदेन का बहुत सा ब्योरा है। यह सब ब्योरा डिकोड होने पर करोड़ों की बेनामी संपत्ति और बिना टैक्स चुकाए लेनेदेन का खुलासा होगा।

आपको बता दें कि, राजधानी में ज्वैलर कारोबारी और दो रियल एस्टेट कारोबारियों के यहां आयकर छापे में बड़ी संख्या में अघोषित आय से जुड़े दस्तावेज मिले थे। अनुमान है कि, तीनों कारोबारियों के यहां छापों की कार्रवाई के बाद जांच पूरी होने पर अघोषित आय का आंकड़ा 2000 करोड़ को पार कर सकता है। साथ इस रेड में गुप्त सुरंग मिलने के बाद चर्चा में आया ज्वेलर समूह सिल्वर आर्ट ग्रुप अब 4 जांच एजेंसियों के घेरे में है।

अब स्टेट जीएसटी की चोरी की संभावनाओं को देखते हुए जल्द वाणिज्यिक कर विभाग भी जांच शुरू करने की तैयारी में है। बताया जा रहा है कि ज्वैलर्स समूह के यहां बेनामी संपत्ति के ढेरों दस्तावेज मिले हैं। इन इस्तावेजों के आधार पर आयकर विभाग प्रिवेन्शन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत बेनामी या अवैध संपत्ति को जब्त करने का अधिकार रखती है।

2000 करोड़ से अधिक अघोषित आय का हो सकता है खुलासा
राजधानी में सिल्वर ग्रुप के अलावा दो अन्य ग्रुप (चौरड़िया ग्रुप और गोकुल कृपा बिल्डर्स) पर भी आयकर विभाग की टीमों ने छापों की कार्रवाई की थी। तीनों समूहों के यहां आयकर कार्रवाई में अघोषित आय का आंकड़ा 2000 करोड़ को पार कर सकता है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, आयकर विभाग ने सिल्वर आर्ट ग्रुप के लॉकर्स को अभी तक नहीं खोला है। इन लॉकर्स में बड़ी संख्या में ज्वेलरी और निवेश के दस्तावेज हैं। लॉकर्स खुलने के बाद कई खुलासे हो सकते हैं और अघोषित आय का आंकड़ा भी बढ़ सकता है।

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