कोरोना की दूसरी लहर के कारण कारोबार पर असर के सवाल पर एसबीआइ के चेयरमैन दिनेश खारा ने कहा हम स्थिति का आकलन कर रहे हैं। खुदरा लोन की स्थिति पर भी नजर रख रहे हैं लेकिन समस्या यह है कि हमारा स्टाफ फील्ड में नहीं जा पा रहा है।
नई दिल्ली, कोरोना की दूसरी लहर ने बैंकों व वित्तीय संस्थानों के समक्ष नया संकट पैदा कर दिया है। यह संकट है ग्राहकों से संपर्क टूटने का। कुछ दिन पहले गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) ने कहा था कि जितने बड़े पैमाने पर लोग कोरोना पाजिटिव हुए हैं, उससे उनके कर्मचारी व वसूली एजेंट ग्राहकों से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं। अब यही बात भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) ने भी कही है। एसबीआइ का कहना है कि संक्रमण की रफ्तार बढ़ने और लाकडाउन की वजह से ग्राहकों से संपर्क नहीं साधा जा पा रहा है। इससे वसूली प्रभावित हो रही है। एक समस्या यह भी आ रही है कि बैंक व वित्तीय संस्थान कर्ज की स्थिति का आकलन नहीं कर पा रहे हैं।
कोरोना की दूसरी लहर के कारण कारोबार पर असर के सवाल पर एसबीआइ के चेयरमैन दिनेश खारा ने कहा, ‘हम स्थिति का आकलन कर रहे हैं। खुदरा लोन की स्थिति पर भी नजर रख रहे हैं, लेकिन समस्या यह है कि हमारा स्टाफ फील्ड में नहीं जा पा रहा है।’
खारा बताते हैं कि अभी स्थिति बहुत नाजुक है। जून के अंत तक स्थिति साफ होगी, तभी असर का आकलन हो सकेगा। इससे पहले एनबीएफसी ने आरबीआइ के समक्ष गुहार लगाई थी कि बड़े पैमाने पर ग्राहकों से उनका संपर्क नहीं हो पा रहा है। इससे कर्ज वसूली की प्रक्रिया पूरी तरह से बाधित है। खास तौर पर गैर शहरी क्षेत्रों में कोई भी बैंकिंग कर्मचारी नहीं जा पा रहा है। माइक्रो फाइनेंस कंपनियों (एमएफसी) के समक्ष भी यही समस्या है।
कई एनबीएफसी व एमएफसी ग्राहकों से रोजाना या साप्ताहिक तौर पर वसूली करती हैं। अभी यह पूरी प्रक्रिया अव्यवस्थित हो गई है। हाल ही में रेटिंग एजेंसी इकरा ने एक रिपोर्ट में कहा था कि अप्रैल-मई, 2021 में एमएफसी की कर्ज वसूली में 10 फीसद तक गिरावट का अनुमान है।
एनबीएफसी के संगठन एफआइडीसी के महासचिव महेश ठक्कर ने आरबीआइ गर्वनर को राहत पैकेज के लिए पत्र लिखा है। उन्होंने लिखा है कि राज्यों की तरफ से लगाए जा रहे लाकडाउन की वजह से कई राज्यों में कार्यालयों को बंद करना पड़ रहा है और ग्राहकों से संपर्क मुश्किल हो गया है। उन्होंने फंसे कर्ज के मामले में भी स्थिति बेहद खराब होने की आशंका जताई है।