झांग होंग ने बताया कि जब वो 21 साल के थे तभी उन्होंने देखने की शक्ति खो दी थी। उनका जन्म दक्षिण-पश्चिमी चीन के चूंगचींग शहर में हुआ था और उन्होंने 24 मई को एवरेस्ट फतह करने में कामयाबी हासिल की है।
बीजिंग, रायटर्स। दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट (Mount Everest) पर चढ़ाई करना सबसे मुश्किल कामों में से एक है। वहीं, बात अगर दिव्यांग व्यक्ति के एवरेस्ट पर फतह करने की हो, तो ऐसा सपने में भी नहीं सोचा जा सकता है। लेकिन चीन के एक दिव्यांग व्यक्ति ने माउंट एवरेस्ट पर फतह कर नया कीर्तिमान बनाया है।
46 वर्षीय चीनी झांग होंग ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी को फतह किया है। झांग होंग यह कीर्तिमान बनाने वाले एशिया के पहले और दुनिया के तीसरे शख्स बन गए हैं। झांग ने अपने इस रिकॉर्ड से यह बात साबित कर दी है कि अगर कोई व्यक्ति दिल से कुछ करने की ठान ले तो वह सारी मुश्किलों का सामना करते हुए अपनी मंजिल तक पहुंच ही जाता है।
झांग ने रायटर्स को बताया, ‘इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप दिव्यांग हैं या सामान्य हैं। चाहे आपकी आंखों की रोशनी चली गई हो या आपके पैर या हाथ नहीं हैं तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, आपको बस एक मजबूत दिमाग की जरूरत है। आप भी अन्य लोगों की तरह हर काम कर सकते हो।’ 24 मई को झांग ने 8,849 मीटर ऊंचे पवर्त को फतह किया है।
झांग होंग ने बताया कि जब वो 21 साल के थे तभी उन्होंने देखने की शक्ति खो दी थी। उनका जन्म दक्षिण-पश्चिमी चीन के चूंगचींग शहर में हुआ था और उन्होंने 24 मई को एवरेस्ट फतह करने में कामयाबी हासिल की है। चूंगचींग के साथ तीन गाइड भी थे जो गुरुवार को बेस कैंप आ चुके हैं। झांग होंग ने कहा कि वो अमेरिका के दिव्यांग पर्वतारोही एरिक वेहनमेयर को अपना आदर्श मानते हैं, जिन्होंने 2001 में एवरेस्ट को फतह किया था। एरिक वेहेनमेयर ने अपने गाइड क्विंग जी के दिशा-निर्देश में एवरेस्ट पर चढ़ने की ट्रेनिंग ली है।