वैकल्पिक गर्भगृह में भी रामलला की साज-सज्जा एवं सुविधा-सहूलियत का पूरा ख्याल। वहीं रामनगरी में प्रस्तावित फिल्मी सितारों की रामलीला में गोरखपुर के सांसद और भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार रविकिशन परशुराम की भूमिका निभाएंगे।
अयोध्या, मंदिर निर्माण की तैयारियों के बीच रामलला वैकल्पिक गर्भगृह में स्थापित हैं। हालांकि, वैकल्पिक गर्भगृह में भी रामलला की साज-सज्जा और सेवा-पूजा का पूरा ध्यान रखा जाता है। यह शिकायत अब बीते दिनों की बात हो गई है कि जब अस्थायी मंदिर में विराजमान रामलला को कभी ठंड लगने और कभी गर्मी लगने की बात सामने आती थी। इसी क्रम में भीषण उमस के बीच रामलला को श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से एयरकंडीशनर उपलब्ध कराया गया है। प्रधान अर्चक आचार्य सत्येंद्रदास ने इस पहल के लिए तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के प्रति आभार ज्ञापित किया।
उन्होंने कहा, मंदिर निर्माण के बाद रामलला की गौरव-गरिमा चरम पर होगी, लेकिन ट्रस्ट की दिलचस्पी से बदलाव पहले ही दिखने लगा है। इसका एक अन्य उदाहरण रामलला की पूजा एवं भोग का व्यय बढ़ाया जाना है। पूर्व में मंडलायुक्त के रिसीवर रहते इस मद में 30 हजार रुपये का व्यय स्वीकृत था। तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने इसे बढ़ाकर 42 हजार कर दिया। मुख्य अर्चक इस पहल के लिए भी ट्रस्ट के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हैं।
रामनगरी की रामलीला : रविकिशन होंगे परशुराम की भूमिका में
रामनगरी में छह से 15 अक्टूबर तक प्रस्तावित फिल्मी सितारों की रामलीला में गोरखपुर के सांसद और भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार रविकिशन परशुराम की भूमिका निभाएंगे। पिछली बार की रामलीला में रविकिशन ने भरत की भूमिका निभाई थी। रामलीला कमेटी के अध्यक्ष सुभाष मलिक बाबी के अनुसार इस रोल के लिए रविकिशन उपयुक्त हैं। इस बार की रामलीला में अभिनेत्री भाग्यश्री सीता, शक्ति कपूर अहिरावण, रजा मुराद कुंभकर्ण, बिंदु दारा सिंह हनुमान, असरानी नारद मुनि और शहबाज खान रावण की भूमिका में नजर आएंगे।
रामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण की तैयारियों के बीच सितारों से सज्जित अयोध्या मेें रामलीला की परंपरा का सूत्रपात गतवर्ष शारदीय नवरात्र के दौरान हुआ। हालांकि, कोरोना संकट की वजह से दर्शकों की मौजूदगी संभव नहीं हो पाई थी। इसके बावजूद इंटरनेट मीडिया के विभिन्न माध्यमों और दूरदर्शन पर सजीव प्रसारण के रूप में दुनिया के 16 करोड़ लोगों ने अयोध्या की रामलीला देखी थी। इस बार यदि कोरोना संकट नहीं थमा, तो यह रामलीला दर्शकों के लिए निषिद्ध रहेगी और गत वर्ष की तरह इंटरनेट मीडिया पर इसे देखा जा सकेगा।