मकान दुकान प्लॉट कार आदि खरीदने के लिए लोन लेने का प्रयास कर रहे लोग इस समय बहुत परेशान हैं। इसकी वजह यह है कि लोन के लिए आयकर विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल से पिछले वर्षों के रिटर्न डाउनलोड ही नहीं हो पा रहे हैं।
कानपुर, मकान, दुकान, प्लॉट, कार आदि खरीदने के लिए लोन लेने का प्रयास कर रहे लोग इस समय बहुत परेशान हैं। इसकी वजह यह है कि लोन के लिए आयकर विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल से पिछले वर्षों के रिटर्न डाउनलोड ही नहीं हो पा रहे हैं। अब जिन लोगों के पास पिछले वर्षों के आयकर रिटर्न की हार्ड कापी रखी हैं, वे तो बैंकों को अपने रिटर्न लोन आवेदन के साथ दे पा रहे हैं, लेकिन जिनके पास हार्ड कापी नहीं है, उन्हें बड़ी मुश्किल हो रही है। इस समस्या से कारोबारी परेशान हैं और आमजन भी।
आयकर विभाग के नए ई-फाइलिंग पोर्टल में आ रही दिक्कतों की वजह से तमाम तारीखें आगे बढ़ा दी गई हैं, लेकिन जिन लोगों को ऋण लेना है उन्हें तो समय पर ही अपने कागजात चाहिए। यशोदा नगर निवासी राकेश के मुताबिक उन्हें पिछले वर्ष दाखिल किए गए रिटर्न नहीं मिल पा रहे हैं, उनके टैक्स सलाहकार भी इन्हें डाउनलोड नहीं कर पा रहे क्योंकि ई-फाइलिंक पोर्टल से वे डाउनलोड नहीं हो पा रहे थे। अब लोन लेना है तो बैंक रिटर्न भी मांग रहे हैं। फिलहाल कुछ दिनों के लिए योजना टाल दी है। अब पोर्टल ठीक हो जाए तो फिर प्रयास करेंगे।
यह सिर्फ उनकी समस्या नहीं है। इसी तरह की समस्या बहुत से लोगों की है। इनमें व्यापारी भी शामिल हैं। एक्सप्रेस रोड के रोशन गुप्ता के मुताबिक रिटर्न डाउनलोड न होने से परेशान हो रहे हैं। उनके अलावा कई व्यापारी और परेशान हैं। पहले जीएसटी का जो पोर्टल बना है वह अभी तक ठीक से काम नहीं कर रहा है, अब आयकर का पोर्टल भी उसी लाइन पर आ गया। इसे जल्द ठीक किया जाना चाहिए। चार्टर्ड अकाउंटेंट शिवम ओमर के मुताबिक पोर्टल से पिछले वर्षों के रिटर्न डाउनलोड नहीं हो पा रहे हैं। इस समय जिन लोगों को अपने लोन के लिए पिछले वर्ष के रिटर्न आयकर के पोर्टल से डाउनलोड करने हैं, उन्हें रिटर्न नहीं मिल पा रहे हैं। अब पोर्टल में यह तकनीकी खामी ठीक होने पर ही रिटर्न डाउनलोड हो सकेंगे।
उल्लेखनीय है कि Income Tax Department ने सात जून, 2021 को नए ई-फाइलिंग पोर्टल को लॉन्च किया था। इस पोर्टल को प्रमुख आईटी कंपनी Infosys किया है। हालांकि, लॉन्च होने के साथ से अब तक पोर्टल से जुड़ी कई तरह की तकनीकी गड़बड़ियां अब भी बनी हुई हैं। टैक्सपेयर्स नए पोर्टल से जुड़ी समस्याओं को लगातार सोशल मीडिया पर उठाते रहे हैं। वेबसाइट की खामियों को दूर करने को लेकर वित्त मंत्रालय और इन्फोसिस के अधिकारियों के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है।