चीन में हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान बीबीसी पत्रकार की गिरफ्तारी का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। ब्रिटेन ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। वहीं चीन ने इस मामले में अपनी सफाई भी दी है। हालांकि ब्रिटेन ने इसको खारिज कर दिया है।
बीजिंग / लंदन ( एजेंसी ) चीन के बिजनेस हब कहे जाने वाले शंघाई में हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान बीबीसी के पत्रकार की गिरफ्तारी और पिटाई के मामले में दोनों ही देश अब आमने-सामने आ गए हैं। दोनों के ही तेवर इस मुद्दे पर सख्त दिखाई दे रहे हैं। चीन के विदेश मंत्रालय ने इस मामले में जहां कहा है कि पत्रकार ने अपनी पहचान को उजागर नहीं किया था, वहीं दूसरी तरफ ब्रिटेन की तरफ से कहा गया है कि वो इस मामले में किसी बहानेबाजी को बर्दाश्त नहीं करेगा। ब्रिटेन के मंत्री ने इस बारे में दिए एक बयान में इस पूरे घटनाक्रम को निंदनीय बताया और कहा कि इस मामले में माफी से काम नहीं चलने वाला है। न ही ब्रिटेन किसी भी तरह के बहाने सुनेगा।
रिपोर्टिंग के दौरान हुई पत्रकार की गिरफ्तारी आपको बता दें कि बीबीसी के पत्रकार को चीन के शंघाई शहर में उस वक्त गिरफ्तार कर लिया गया था जव वो वहां पर हो रहे विरोध प्रदर्शन की रिपोर्टिंग कर रहा था। बीबीसी का आरेाप है कि वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने उसको गिरफ्तार करने से पहले उसको रिपोर्टिंग से रोकने की कोशिश की और उसके साथ मारपीट भी की थी। शंघाई समेत चीन के दूसरे शहरों में ये विरोध प्रदर्शन चीन की जीरो कोविड नीति के खिलाफ हो रहे हैं।
पूरी दुनिया में हो रही चीन की निंदा चीन के शंघाई में हुई पत्रकार की गिरफ्तारी और पिटाई की घटना की पूरी दुनिया में निंदा हो रही है। अंतरराष्ट्रीय मीडिया इस घटना को चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के तानाशाही रवैये के रूप में देख रही है। अंतरराष्ट्रीय मीडिया में कहा जा रहा है कि राष्ट्रपति शी अपने खिलाफ उठने वाली आवाज को दबाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए वो लोगों के अधिकारों को भी छीन रहे हैं। यहां पर बता दें कि शिनजियांग प्रांत में हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान सोशल मीडिया पर लिखी गई प्रदर्शन से संबंधित सभी पोस्ट को हटा दिया गया है। चीन की सरकार सोशल मीडिया की कड़ी निगरानी भी कर रही है।