सपा नेता आइपी सिंह ने भी स्वामी प्रसाद मौर्य को घेरते हुए कहा कि उन्हें धार्मिक मुद्दों पर हर दिन बोलने से बचना चाहिए। उन्होंने इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट किया कि आपने वर्षों पहले बौद्ध धर्म स्वीकार कर लिया था इसका यह मतलब कतई नहीं है कि आप हिंदू धर्म की लगातार आलोचना करें। आपने पांच वर्ष भाजपा में रहते हुए ये मुद्दे नहीं उठाए।
लखनऊ- स्वामी प्रसाद मौर्य के हिंदू धर्म पर एक और विवादास्पद बयान सामने आने के बाद वह अपनी ही पार्टी में घिर गए हैं। सपा नेताओं ने उनके बयान से किनारा कर लिया है। सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि यह उनकी व्यक्तिगत राय है, इसका पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है। सपा सभी धर्मों का सम्मान करती है। हम धर्मनिरपेक्षता को मानने वाले लोग हैं। घोसी विधानसभा उपचुनाव से पहले स्वामी का बयान आने पर पार्टी बैकफुट में आ गई। सपा नेताओं ने ‘डैमेज कंट्रोल’ के तहत उनके बयान से किनारा करने के साथ ही उन्हें नसीहत भी दी।
सपा के विधानसभा में मुख्य सचेतक मनोज कुमार पाण्डेय ने कहा कि अपनी राजनीति को चमकाने के लिए कोई भी नेता धर्म को निशाना न बनाए। सपा सभी धर्मों का सम्मान करती है। हमें किसी भी जाति व धर्म के खिलाफ बोलने का अधिकार नहीं है। वहीं, सपा नेता आइपी सिंह ने भी स्वामी प्रसाद मौर्य को घेरते हुए कहा कि उन्हें धार्मिक मुद्दों पर हर दिन बोलने से बचना चाहिए। उन्होंने इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट किया कि आपने वर्षों पहले बौद्ध धर्म स्वीकार कर लिया था, इसका यह मतलब कतई नहीं है कि आप हिंदू धर्म की लगातार आलोचना करें। आपने पांच वर्ष भाजपा में रहते हुए ये मुद्दे नहीं उठाए। ऐसे विचारों से पार्टी हरगिज सहमत नहीं हो सकती है, ये आपके निजी विचार हो सकते हैं।
क्या कहा था स्वामी प्रसाद मौर्य ने
सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने इंटरनेट मीडिया पर करीब छह मिनट का एक वीडियो शेयर किया है। इसमें मौर्य ने हिंदू धर्म के अस्तित्व पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा ‘हम भले ही पागल होकर हिंदू के नाम पर मरें किंतु ब्राह्मणी देवता के चतुर चालाक लोग आज भी हमको आदिवासी मानते हैं। इस तरह पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द के साथ भी हो चुका है। वह पुष्कर के मंदिर गए थे तो वहां के पंडे ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया था।’
मौर्य ने आगे कहा था कि जिसे आप हिंदू धर्म कहकर उसके दीवाने और पागल होकर अपना सबकुछ लुटा देते हैं, वे आपको सम्मान नहीं देंगे क्योंकि वे आपको नीच व अधर्मी मानते हैं। आपको अपमानित करना अपना धर्म मानते हैं। जब अखिलेश यादव मुख्यमंत्री पद से हटे, तब इन्हीं सत्ता दल के लोगों ने मुख्यमंत्री आवास को गोमूत्र से धोया। जब इससे मन नहीं भरा तो गंगाजल से धोया गया। उन्होंने कहा, ‘ब्राह्मणवाद की जड़ें बहुत गहरी हैं और सारी विषमता का कारण भी ब्राह्मणवाद ही है। हिंदू नाम का कोई धर्म है ही नहीं, हिंदू धर्म केवल धोखा है। सही मायने में जो ब्राह्मण धर्म है, उसी ब्राह्मण धर्म को हिंदू धर्म कहकर इस देश के दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों को मकड़जाल में फंसाने की एक साजिश है।