मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पांच कालीदास मार्ग पर छठ पर्व की जिला प्रशासन तथा शासन की तैयारियों की समीक्षा की। इस दौरान उनके साथ उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद भी थे।
लखनऊ, लोक आस्था के पर्व छठ को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी बेहद गंभीर है। प्रदेश में चारों तरफ छठ पर्व को लेकर लोग भले ही अपने स्तर से तैयारी में लगे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी शनिवार को अपने सरकारी आवास पर छठ पर्व पर जिलों में प्रशासन की तैयारियों की समीक्षा करने के साथ आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास, पांच कालीदास मार्ग पर छठ पर्व की जिला प्रशासन तथा शासन की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने का कि उत्तर प्रदेश में सुरक्षित व स्वच्छ छठ के संदेश के साथ जनभावनाओं का सम्मान भी शीर्ष वरीयता पर है। इस दौरान उनके साथ उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, कैबिनेट मंत्री एके शर्मा, कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, कैबिनेट मंत्री जितिन प्रसाद, परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री शशि प्रकाश गोयल, कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद तथा अन्य विभाग के बड़े अधिकारी भी थे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छठ को लेकर समीक्षा बैठक में कहा कि छठ पूजा के दौरान सभी स्थान पर अच्छी व्यवस्था को शीर्ष वरीयता पर रखें। उन्होंने जिलों में छठ पूजा की व्यवस्थाओं की जानकारी लेने के साथ ही अधिकारियों को निर्देश भी दिया। उन्होंने छठ पूजा स्थल पर साफ सफाई के विशेष निर्देश दिए हैं।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 30 व 31 अक्टूबर को लोकआस्था का महापर्व ‘छठ’ मनाया जाना है। पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में इस पर्व की विशिष्ट परंपरा रही है। हमारा प्रयास हो कि हर एक व्रतधारी श्रद्धालु जन को अधिकाधिक सुविधाएं उपलब्ध हों, ताकि पर्व का आयोजन सुचारु पूर्वक संपन्न हो। इस वर्ष ‘स्वच्छ और सुरक्षित छठ’ का संदेश लेकर लोगों की जरूरत के अनुसार सभी प्रबंध किए जाएं।
उन्होंने कहा कि सभी जगह पर नदी घाट या फिर तालाब व पोखर तट पर सुरक्षा की व्यवस्था रखें। छठ महापर्व में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की सपरिवार सहभागिता होती है। ऐसे में नदी घाटों पर स्वच्छता, सुरक्षा, पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था, पार्किंग, मोबाइल टॉयलेट, पेयजल समेत जनसुविधा के व्यवस्थित प्रबंध किए जाएं। नदी घाटों के आस-पास पर्याप्त प्रकाश प्रबंध होना चाहिए। पर्व के अवसर पर निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित कराई जाए। नदी की गहराई के मुताबिक, सुरक्षित क्षेत्र का चिन्हांकन किया जाए। स्थानीय आवश्यकताओं का ध्यान रखते हुए सभी व्यवस्था होनी चाहिए। हर प्रमुख स्थल, जहां छठ पूजन होता है, वहां पब्लिक एड्रेस सिस्टम की व्यवस्था अनिवार्य रूप से हो।
छठ पर्व कार्तिक शुक्ल पक्ष के षष्ठी को मनाया जाता है। सूर्योपासना का यह लोकपर्व मुख्य रूप से बिहार, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल के तराई क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर मनाया जाता है। अब तो देश के हर कोने में इसको मनाने वाले लोग हैं। यह पर्व मैथिल,मगध और भोजपुरी लोगों का सबसे बड़ा पर्व है। यह ऐसा पर्व है जो वैदिक काल से चला आ रहा है। बिहार में छठ पर्व मुख्य: रुप से ऋगवेद में सूर्य पूजन, उषा पूजन और आर्य परंपरा के अनुसार मनाया जाता हैं। छठ पूजा सूर्य, प्रकृति,जल, वायु और उनकी बहन छठी मइया को समर्पित है।
छठ चार दिनों की अवधि में मनाया जाता है। इनमें पवित्र स्नान, उपवास और पीने के पानी (वृत्ता) से दूर रहना, लंबे समय तक पानी में खड़ा होना, और प्रसाद (प्रार्थना प्रसाद) और अर्घ्य देना शामिल है। भारत में छठ सूर्योपासना के लिए प्रसिद्ध पर्व है। मूलत: सूर्य षष्ठी व्रत होने के कारण इसे छठ कहा गया है। यह पर्व पारिवारिक सुख-समृद्धी तथा मनोवांछित फल प्राप्ति के लिए मनाया जाता है।