ईपीएफओ ने पीएफ खातों की सिक्योरिटी और सख्त कर दी है। तमाम शिकायतें मिलने के बाद खातों में केवाईसी यानी नो योर कस्टमर में परिवर्तन के नियम और कड़े किए हैं। अब बिना मूल डॉक्यूमेंट के केवाईसी में पीएफ अंशधारक का ब्योरा नहीं बदलेगा।
पहले ईपीएफओ मूल डॉक्यूमेंट के साथ उनका सत्यापन करेगा तभी उसमें बदलाव किया जाएगा। ईपीएफओ ने केवाईसी में बदलाव के साथ ही पीएफ खाते से भुगतान पर रोक लगा दी है। नियोक्ता को भी पीएफ अंशधारकों केवाईसी में मूल पत्रावली पर ही बदलाव की एडवाइजरी जारी की है। मुख्यालय के क्षेत्रीय आयुक्त सलिल शंकर ने नए निर्देश जारी कर दिए हैं। उसी में उन्होंने सभी सूबे के आयुक्तों को एडवाइजरी दी है कि केवाईसी में बदलाव को गंभीरता से लें।
अब हर हिस्से पर दो से तीन बार चेकिंग होगी
नाम, जन्मतिथि, आश्रित, पता, पिता या पति के नाम में बदलाव नियोक्ता भी सभी पत्रावलियां देखने के बाद ही करेंगे अन्यथा छोड़ देंगे। केवाईसी में ऑन और ऑफलाइन दोनों में ही बदलाव को तभी जायज माना जाएगा जब अंशधारक के दस्तावेज अपलोड होंगे। पहले नाम को फुल फार्म के तौर पर बदला जा सकता है, लेकिन नाम का शब्द बदलने की अनुमति नहीं होगी। यानी आर से कागजात देख कर राजेन्द्र हो सकता है, लेकिन श्याम नहीं हो सकता है।
धननिकासी गलत तरीके से किए जाने की शिकायतें
ईपीएफओ बोर्ड सदस्य सुखदेव प्रसाद मिश्र के मुताबिक केवाईसी की आड़ में कुछ खातों से धननिकासी गलत तरीके से किए जाने की शिकायतें मिलीं। इसलिए नियम सख्त किए गए। अब हर हिस्से पर दो से तीन बार चेकिंग होगी तभी केवाईसी में बदलाव को मंजूर किया जाएगा। संगठन ने यूपी के 20 लाख समेत देश के 4.5 करोड़ खातों को सुरक्षित रखने के लिए नए नियम बनाए हैं।