Health Insurance Policy खरीदने जा रहे हैं? इन 5 बातों का अवश्य रखें ध्यान, फायदे में रहेंगे आप

Health Insurance Policy बाजार में उपलब्ध कई बीमा पॉलिसीज में अधिकतम पॉलिसी टर्म पर एकमुश्त प्रीमियम जमा कराने पर छूट दी जाती है। पॉलिसी टर्म अधिकतम तीन साल का हो सकता है। ग्राहक एक साथ प्रीमियम जमा कर इस छूट का लाभ ले सकते हैं।

 

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। कोरोना वायरस महामारी के इस दौर में हर किसी को अपने स्वास्थ्य की चिंता है। एक गंभीर बीमारी व्यक्ति को वित्तीय संकट में डाल सकती है। ऐसे समय में जब कई लोगों की नौकरियां खतरे में है और वेतन नहीं बढ़ रहा है, यह वित्तीय संकट काफी घातक साबित हो सकता है। ऐसे में समय पर हेल्थ इंश्योरेंस लेना आवश्यक है। नए ग्राहकों के लिए एक सही इंश्योरेंस पॉलिसी को चुनना काफी महत्वपूर्ण होता है। आज हम आपको कुछ ऐसे ही टिप्स बताने जा रहे हैं, जिनका ध्यान आपको स्वास्थ्य बीमा खरीदते समय रखना चाहिए।

क्लेम की राशि

बीमा पॉलिसी में गंभीर बीमारी के लिए क्लेम की राशि अधिक होनी चाहिए। बाजार में उपलब्ध कई बीमा कंपनियों की पॉलिसीज में कुछ गंभीर बीमारियों पर क्लेम की राशि अपेक्षाकृत कम होती है। ग्राहक को बीमा पॉलिसी लेने से पहले इस बारे में पता कर लेना चाहिए। इसके लिए ग्राहक को गंभीर बीमारी की कवर लिस्ट सहित सभी दस्तावेजों को ध्यानपूर्वक पढ़ना चाहिए।

कवर हो मौजूदा बीमारी

ग्राहक को स्वास्थ्य बीमा लेने से पहले यह जान लेना चाहिए कि पॉलिसी में मौजूदा बीमारी कवर हो रही है या नहीं। कुछ कंपनियां तो अपनी पॉलिसीज में बीमाधारक की मौजूदा बीमारी को कवर करती है और कुछ नहीं करती। हमेशा उस बीमा योजना का चुनाव करना अच्छा होता है, जो ग्राहक की मौजूदा बीमारी को कवर करती हो और जिसमें कम वेटिंग पीरियड हो।

भुगतान की सीमा

ग्राहक के लिए हमेशा ऐसी इंश्योरेंस पॉलिसीज चुनना बेहतर साबित होता है, जो अस्पताल में भर्ती होने के बाद का पूरा खर्च कवर करे। बाजार में उपलब्ध कई बीमा कंपनियों की पॉलिसीज में एक सीमा के बाद कमरे या आईसीयू का भुगतान पॉलिसीधारक को स्वयं ही करना पड़ता है। इसलिए पॉलिसी लेने से पहले ग्राहक को इस बारे में जान लेना चाहिए

को-पेमेंट क्लॉज

को-पेमेंट वह राशि होती है, जिसका भुगतान स्वयं पॉलिसीधारक को बीमित सेवाओं के लिए करना होता है। यह राशि पहले से तय होती है। सीनियर सिटीजंस के लिए बाजार में उपबल्ध अधिकांश बीमा पॉलिसीज को-पेमेंट की शर्त के साथ ही आती हैं। ऐसे में ग्राहक को वह बीमा पॉलिसी चुननी चाहिए, जिसमें उसे कम से कम को-पमेंट देना पड़े। इसके अलावा ग्राहक को-पमेंट की शर्त को हटाने का विकल्प भी चुन सकते हैं। इसके लिए ग्राहक को अतिरिक्त प्रीमियम देना होता है।

प्रीमियम पर छूट

बाजार में उपलब्ध कई बीमा पॉलिसीज में अधिकतम पॉलिसी टर्म पर एकमुश्त प्रीमियम जमा कराने पर छूट दी जाती है। पॉलिसी टर्म अधिकतम तीन साल का हो सकता है। ग्राहक एक साथ प्रीमियम जमा कर इस छूट का लाभ ले सकते हैं।

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