भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ चार टेस्ट मैचों की सीरीज में 1-1 से बराबरी हासिल कर ली है। पहला टेस्ट चेन्नई में 227 रनों से गंवाने के बाद टीम इंडिया ने दूसरा टेस्ट मैच इसी मैदान पर 317 रनों से अपने नाम किया। टीम इंडिया की जीत के हीरो रहे आर अश्विन और रोहित शर्मा। रोहित शर्मा ने पहली पारी में 161 रनों की पारी खेल जहां टीम इंडिया की जीत की नींव रखी, वहीं आर अश्विन ने गेंद और बल्ले से कमाल का प्रदर्शन कर सेंचुरी भी ठोकी और कुल आठ विकेट भी लिए। इस जीत के साथ ही टीम इंडिया की आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में खेलने की उम्मीदें भी कायम हैं। चलिए एक नजर डालते हैं, टीम इंडिया की जीत की पांच बड़ी बातों पर-
भारत ने टॉस जीतकर जब 329 रन बनाए और इंग्लैंड की टीम 134 रनों पर ऑलआउट हो गई, उसके बाद से इंग्लैंड के कुछ पूर्व क्रिकेटरों ने चेन्नई की पिच पर सवाल खड़े किए और कहा कि इस पिच पर जो टीम टॉस जीतेगी, वही मैच जीतेगी। पिच के स्पिन फ्रेंडली होने को लेकर भी काफी बहस हुई। भारत की ओर से दूसरी पारी में कप्तान विराट कोहली और आर अश्विन ने जिस तरह से बल्लेबाजी की, उन्होंने बता दिया कि इस पिच पर बल्लेबाजी करना नामुमकिन नहीं है। विराट ने 62 और अश्विन ने 106 रनों की पारी खेली। इन दोनों की पारियों ने पिच को कोसने वाले क्रिकेट पंडितों की बोलती बंद कर दी।
रोहित शर्मा ने पहली पारी में 161 रनों का योगदान दिया। रोहित ने 231 गेंदों पर 18 चौके और दो छक्कों की मदद से यह पारी खेली। एक छोर से विकेट गिरते जा रहे थे, लेकिन रोहित ने कभी भी इंग्लिश गेंदबाजों को खुद पर हावी नहीं होने दिया। रोहित ने चेतेश्वर पुजारा के साथ 85 और अजिंक्य रहाणे के साथ 162 रनों की साझेदारी निभाई। रहाणे ने 67 रनों की पारी खेली। रोहित ने तेजी से बल्लेबाजी की और टीम इंडिया को 300 से ज्यादा स्कोर तक पहुंचाने में सबसे अहम रोल निभाया। टीम इंडिया के पहली पारी के स्कोर के आधे से ज्यादा रन तो रोहित के ही बल्ले से निकले।
आर अश्विन ने जहां इंग्लैंड की पहली पारी में पांच विकेट झटके, वहीं भारत के लिए दूसरी पारी में 106 रनों की पारी खेली। अश्विन ने जिस तरह से दूसरी पारी में बल्लेबाजी की, उससे उन्हें साबित कर दिया कि टेस्ट क्रिकेट में वह टीम इंडिया के सबसे बड़े मैच विनर खिलाड़ियों में से एक हैं। अश्विन इस दौरान भारत की ओर से नंबर-8 पर बल्लेबाजी करते हुए सबसे ज्यादा सेंचुरी लगाने वाले खिलाड़ी भी बने और एक ही मैच में तीसरी बार सेंचुरी और फाइव विकेट हॉल का कारनामा किया।
अक्षर पटेल ने इस मैच के साथ ही टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया। उन्हें पहले टेस्ट मैच में ही डेब्यू करना था, लेकिन चोट के चलते वह पहला टेस्ट नहीं खेल सके थे। इस मैच में उन्हें डेब्यू करने का मौका मिला और उन्होंने अपनी गेंदबाजी से किसी को निराश नहीं किया। अक्षर ने पहली पारी में जो रूट के अहम विकेट के साथ कुल दो विकेट लिए और दूसरी पारी में कुल पांच विकेट लिए। पहले ही टेस्ट में उन्होंने फाइव विकेट हॉल अपने नाम किया।
ऋषभ पंत ने पहली पारी में 58 रनों की तेज पारी खेली थी, इसके अलावा इस मैच के दौरान उन्होंने दो जबर्दस्त कैच लपके और साथ ही एक सुपरफास्ट स्टंपिंग भी की। पंत ने दिखा दिया है कि वह अपनी बल्लेबाजी के साथ-साथ विकेटकीपिंग पर भी काम किया है और आने वाले समय में वह टीम इंडिया के परफेक्ट विकेटकीपर बल्लेबाज बनने की तैयारी में हैं।