इंडियन प्रीमियर लीग का ये सीजन मुंबई इंडियंस के लिए बेहद निराशाजनक रहा है। टीम 8 मैच खेल चुकी है लेकिन एक भी जीत दर्ज नहीं कर पाई है। लगातार 8 हार झेलने वाली मुंबई प्लेआफ की दौड़ से पहले ही बाहर हो गई है।
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। इंडियन प्रीमियर लीग के इस सीजन को मुंबई इंडियंस भूलना चाहेगी। 8 मैच खेलने के बाद भी टीम अपनी पहली जीत के लिए तरस रही है। कप्तान से लेकर कोच परेशान हैं लेकिन टीम को जीत का फार्मूला अब तक नहीं मिला है। इस सीजन में अब टीम के पास नाक बचाने के अलावा कुछ बचा भी नहीं है। टीम पहले ही प्लेआफ की दौड़ से बाहर निकल चुकी है। सवाल कई हैं, बल्लेबाजी या गेंदबाजी किसकी वजह से आइपीएल इतिहास की सबसे सफल टीम की हालत ऐसी हो गई। ज्यादातर सीजन में टाप चार में रहने वाली टीम आखिर प्वाइंट्स टेबल के बाटम में क्यों पड़ी है? आइए इन सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश करते हैं।
ओपनिंग जोड़ी का न चल पाना– मेगा आक्शन के दौरान जब इशान किशन को टीम ने 15.25 करोड़ की बड़ी राशि में अपना बनाया तो सवाल ये था कि क्या एक खिलाड़ी के पीछे इतनी बड़ी राशि लगानी चाहिए। मुंबई का ये फैसला सही साबित होता यदि इशान पिछले सीजन की तरह टीम को आक्रमक शुरुआत देने में कामयाब रहते लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। दूसरी तरफ कप्तान रोहित शर्मा के बल्ले से भी रन नहीं निकल रहे हैं। इस सीजन में उनका सर्वाधिक स्कोर 39 रन रहा है।
पांड्या ब्रदर्स की कमी– पांड्या ब्रदर्स को मुंबई की ताकत कही जाती थी लेकिन इस सीजन में टीम ने दोनों में से किसी को वापस लाने की कोशिश नहीं की। नतीजा क्रुणाल को लखनऊ ने तो हार्दिक को गुजरात ने अपने में शामिल किया। दोनों अपनी-अपनी टीम के लिए बेहतरीन काम कर रहे हैं। हार्दिक पांड्या एक तरफ अपनी टीम गुजरात के लगातार अच्छी बल्लेबाजी और गेंदबाजी कर रहे हैं तो लखनऊ के तरफ से खेल रहे क्रुणाल ने हाल ही में मुंबई के खिलाफ 3 विकेट लेकर जीत में बड़ी भूमिका निभाई है।
गेंदबाजी में बुमराह पड़े अकेल– मुंबई की सफलता का राज रहा है बुमराह और ट्रेंट बोल्ट की जोड़ी लेकिन इस बार अब तक हुए मैचों में साफ नजर आया है कि बुमराह का साथ देने के लिए कोई भी गेंदबाज मौजूद नहीं है। बुमराह एक तरफ से दबाव तो बनाते हैं लेकिन दूसरी छोर से दूसरे गेंदबाज इस दबाव को जारी नहीं कर पाते। ट्रेंट बोल्ट, बुमराह का बाखूबी साथ देते थे लेकिन टीम ने उन्हें भी जाने दिया।
पोलार्ड की धार पड़ी मंद– टी20 मैचों में टीम में फिनिशर का बहुत बड़ा रोल होता है। ऐसे में कीरोन पोलार्ड की बल्लेबाजी का न चलना भी टीम के लिए मुश्किलें लेकर आया। पोलार्ड को अकेले अपने दम पर मैच जीताने के लिए जाना जाता है लेकिन इस सीजन में वे पूरी तरह से फेल रहे हैं।
ओवरसीज खिलाड़ियों का न चलना- एक वक्त था जब टीम में कुल्टर नाइल, ट्रेंट बोल्ट, मिचेल मेक्लेघन जैसे खिलाड़ी होते थे जो गेंदबाजी के साथ बल्लेबाजी में भी हाथ दिखाते थे लेकिन इस बार डेवाल्ड ब्रेविस को छोड़कर कोई भी ओवरसीज खिलाड़ी चल नहीं पाया है।