Jaya Ekadashi 2021: जया एकादशी कब है? भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए इस दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं

हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का बहुत महत्व होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, साल भर में कुल 24 एकादशी तिथियां होती हैं। ऐसे में हर माह में 2 एकादशी आती हैं। एक कृष्ण पक्ष और एक शुक्ल पक्ष। माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को जया एकादशी के नाम से जानते हैं। इस साल जया एकादशी 23 फरवरी (मंगलवार) को है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से पिशाच योनि का भय खत्म हो जाता है।

जया एकादशी व्रत शुभ मुहूर्त-

एकादशी तिथि आरंभ- 22 फरवरी 2021 दिन सोमवार को शाम 05 बजकर 16 मिनट से
एकादशी तिथि समाप्त- 23 फरवरी 2021 दिन मंगलवार शाम 06 बजकर 05 मिनट तक।
जया एकादशी पारणा शुभ मुहूर्त- 24 फरवरी को सुबह 06 बजकर 51 मिनट से लेकर सुबह 09 बजकर 09 मिनट तक।

पारणा अवधि- 2 घंटे 17 मिनट।

1. जया एकादशी व्रत के दिन भूलकर भी जुआ नहीं खेलना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने से व्यक्ति के वंश का नाश होता है।
2. जया एकादशी व्रत में रात को सोना नहीं चाहिए। व्रती को पूरी रात भगवान विष्णु की भाक्ति,मंत्र जप और जागरण करना चाहिए।
3. एकादशी व्रत के दिन भूलकर भी चोरी नहीं करनी चाहिए। कहा जाता है कि इस दिन चोरी करने से 7 पीढ़ियों को उसका पापा लगता है।
4. एकादशी के दिन भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए व्रत के दौरान खान-पान और अपने व्यवहार में संयम के साथ सात्विकता भी बरतनी चाहिए।
5. इस दिन व्रती को भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए किसी भी व्यक्ति से बात करने के लिए कठोर शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। इस दिन क्रोध और झूठ बोलने से बचना चाहिए।
6. जया एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठना चाहिए और शाम के समय सोना नहीं चाहिए।

एकादशी के दिन क्या करें-

1. जया एकादशी का व्रत निर्जला और फलाहारी या जलीय व्रत रखा जा सकता है।
2. जया एकादशी व्रत नियम के अनुसार, निर्जला व्रत पूर्ण रूप से स्वस्थ्य व्यक्ति को ही रखना चाहिए।
3. जया एकादशी व्रत रखने वाले सामान्य लोगों को फलाहारी या जलीय उपवास रखना चाहिए।
4. यदि आप संतान प्राप्ति की इच्छा को पूरा करने के लिए यह व्रत रखना चाहते हैं तो एकादशी व्रत के दिन भगवान कृष्ण के बाल रूप और श्री नारायण की उपासना करनी चाहिए।

(इस आलेख में दी गई जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।)

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