भाजपा कोर कमेटी फिर विचार-मंथन के लिए बैठी। यूपी विधानसभा चुनाव के लिए क्षेत्रीय-जातीय समीकरण साधने के हर प्रयास में जुटी पार्टी ने विधान परिषद की चार रिक्त सीटों पर मनोनयन के लिए इसी आधार पर कई नामों पर चर्चा की लेकिन अभी नाम तय नहीं हो सका।
लखनऊ : सेवा कार्यों के जरिए जनता से जुड़ाव बढ़ाने की नीति पहले ही तय कर चुकी भारतीय जनता पार्टी की कोर कमेटी एक बार फिर विचार-मंथन के लिए बैठी। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए क्षेत्रीय-जातीय समीकरण साधने के हर प्रयास में जुटी पार्टी ने विधान परिषद की चार रिक्त सीटों पर मनोनयन के लिए इसी आधार पर कई नामों पर चर्चा की, लेकिन अभी नाम तय नहीं हो सका। इसी तरह ब्लाक प्रमुख चुनाव में भी अधिक से अधिक सीटें जीतने की रणनीति पर विचार-विमर्श चला।
भाजपा कोर कमेटी की बैठक मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सरकारी आवास पर हुई, जिसमें प्रदेश प्रभारी राधामोहन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और डॉ. दिनेश शर्मा शामिल हुए। दोपहर से ही चर्चा थी कि विधान परिषद की चार रिक्त सीटों पर मनोनयन के लिए नाम कोर कमेटी तय करेगी।
सूत्रों ने बताया कि बैठक में संगठन के कई पदाधिकारी-कार्यकर्ताओं के नामों पर चर्चा की गई। इसमें जोर था कि संगठन में पदाधिकारी बनाने में जिस तरह से क्षेत्रीय-जातीय संतुलन का ध्यान रखा गया, उसी तरह विधान परिषद सदस्य बनाने में भी संतुलन रहे। इस आधार कई नामों पर चर्चा हुई, लेकिन कोई नाम तय नहीं हो सका। साथ ही कोर कमेटी के सदस्यों का जोर था कि जिला पंचायत अध्यक्ष की तरह ही अधिक से अधिक ब्लाक प्रमुख जिताने हैं। इससे ग्रामीण क्षेत्र में पार्टी का बड़ा जमीनी नेटवर्क तैयार होगा। प्रत्याशियों के नाम तय कर क्षेत्रीय इकाई को भेज दिए जाएंगे। वहां से जिला संगठन नाम घोषित कर देगा।
बैठक में प्रदेश कार्यसमिति को लेकर भी चर्चा हुई। तय हुआ कि 12, 13 और 14 जुलाई में से जिस भी दिन राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समय दे देंगे, उसी दिन वर्चुअल बैठक कर ली जाएगी। चार सत्रों की एक दिवसीय बैठक के उद्घाटन सत्र को राष्ट्रीय अध्यक्ष संबोधित करेंगे, जबकि समापन मुख्यमंत्री करेंगे। इसके साथ ही बताया गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पखवाड़े के अंत या दूसरे पखवाड़े की शुरुआत में वाराणसी आ सकते हैं। वहां से तमाम परियोजनाओं के साथ ही वह नौ नवनिर्मित मेडिकल कालेजों का लोकार्पण भी कर सकते हैं। वहीं, पंचायत चुनाव की वजह से स्थगित हुए कुछ कार्यक्रमों को अब जल्द ही पूरा करने पर भी सहमति बनी।