प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पड़ोसी देशों से डॉक्टर और नर्सों के लिए आपात स्थिति में एक दूसरे के देश मे जाने के लिए स्पेशल वीजा स्कीम बनाने पर विचार करने को कहा है। कोरोना पर पड़ोसी देशों की वर्कशॉप का एजेंडा तय करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इस स्कीम के तहत आपातकालीन स्थिति में वीजा की मदद से डॉक्टर-नर्स पड़ोसी देश में जाकर सेवा दे सकेंगे। इसके अलावा उन्होंने सभी देशों के नागर विमानन मंत्रालयों से एयर एम्बुलेंस समझौते पर भी विचार करने की अपील की है। प्रधानमंत्री ने आपसी सहयोग को कोविड के खात्मे के साथ भावी सहयोग के लिए महत्वपूर्ण बताया है।
पड़ोसी देशों के साथ गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोविड-19 मैनेजमेंट की वर्कशॉप को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने अहम प्रस्ताव विचार के लिए सामने रखे। इस दौरान उन्होंने पड़ोसी देशों के साथ कोविड-19 से लड़ने की तैयारी को लेकर चर्चा की। पीएम मोदी ने कोविड-19, कोरोना वैक्सीन और जनसंख्या आदि से जुड़े डेटा को लेकर एक रीजनल प्लेटफॉर्म बनाने की भी बात कही है। इस प्लेटफॉर्म के जरिए सभी देश अपना डाटा जमा करेंगे और इसके प्रभाव को लेकर अध्ययन किया जाएगा।
इसके अलावा उन्होंने भविष्य में इस तरह की किसी भी आपदा से निपटने के लिए तकनीक को बढ़ावा देने को कहा। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी से निपटने में तकनीक का इस्तेमाल अहम है। उन्होंने भविष्य में कोविड जैसी महामारी को रोकने में तकनीकी सहयोग को बहुत महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत और जन आरोग्य योजना जैसी सफल स्वास्थ्य नीति और योजना को भी इस रीजनल प्लेटफॉर्म के जरिए साझा किया जा सकेगा।
पीएम ने कहा कि भारत में अन्य देशों की तुलना में कोरोना से मृत्यु दर सबसे कम है। इस वर्कशॉप में भारत के 10 पड़ोसी देशों के अधिकारी मौजूद थे। कार्यशाला में भारत के साथ-साथ बंग्लादेश, भूटान, अफगानिस्तान, नेपाल, पाकिस्तान, मालदीव, मॉरिशस, सेशेल्स और श्रीलंका शामिल थे। बैठक में स्वास्थ्य सचिव स्तर के अधिकारियों ने प्रधानमंत्री द्वारा तय रूपरेखा पर भावी रणनीति और सहयोग पर मंथन किया।